द फॉलोअप टीम, पटना
दो दशक में सातवीं बार प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण करने के बाद नीतीश कुमार सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में तय हुआ है कि 23 से 27 नवंबर तक विधानसभा का सत्र बुलाया जाएगा। नई सरकार के कैबिनेट की मंगलवार को पहली बैठक हुई, जिसमें मंत्रियों के विभागों का बंटवारा कर दिया गया है। विभागों का बंटवारा पहले की ही तरह बीजेपी और जेडीयू के नेताओं के बीच बांटा गया है।
जानें, किसे कौन सा मंत्रालय मिला
1. नीतीश कुमार: गृह, विजिलेंस, सामान्य प्रशासन
2. मंगल पांडेय: स्वास्थ्य मंत्रालय और सड़क एंव परिवहन मंत्रालय
3. जीवेश मिश्रा: पर्यटन,श्रम और खान एवं भूतत्व
4. अशोक चौधरी: भवन निर्माण एवं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय
5. मेवालाल चौधरी: शिक्षा मंत्री
6. विजय कुमार चौधरी: ग्रामीण विकास, ग्रामीण कार्य, जल संसाधन, पीआरडी, संसदीय कार्य
7. संतोष मांझी: लघु सिंचाई विभाग
8. तारकिशोर प्रसाद: सुशील मोदी जितने विभाग देख रहे थे वे सभी मंत्रालय जैसे वित्त, वाणिज्य एवं अन्य प्रमुख मंत्रालय
9. शीला कुमारी: परिवहन विभाग
रेणु देवी : पंचायती राज,ओबीसी, ईबीसी और उद्योग
10. रामप्रीत पासवान: पीएचईडी।
11. अमरेंद्र प्रताप सिंह: कृषि,सहकारिता और गन्ना उद्योग
12. बिजेंद्र प्रसाद यादव: ऊर्जा, फूड,प्लानिंग, एक्साइज
13. मुकेश सहनी: पशुपालन
14. रामसूरत राय: राजस्व एवं भूमि सुधार
23 से 27 नवंबर तक विधानसभा सत्र
विधानसभा के शीतकालीन सत्र 23 नवंबर से 27 नवंबर तक बुलाने की पर सहमति जताई गई है, तो वहीं राज्यपाल के अभिभाषण के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अधिकृत किया गया है। 26 नवंबर से विधान परिषद की कार्यवाही शुरू होगी और 26 नवंबर को ही राज्यपाल का अभिभाषण भी होगा। नीतीश कैबिनेट की इस बैठक में नई सरकार के लिए मंत्री के पोर्टफोलियो भी तय किये गए है। मंत्रियों के विभागों के बंटवारे में तमाम विभाग जो जेडीयू के पास थे, वह जेडीयू के पास ही है और बीजेपी के पास जो पोर्टफोलियो था, वह उन्हीं को दिए गए हैं। पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी के पास जो विभाग थे वह विभाग अब 17वीं विधानसभा में नीतीश सरकार के उपमुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद को दे दिए गए हैं।
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विपक्ष ने शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार किया
नीतीश कुमार के साथ बीजेपी विधानमंडल दल के नेता एवं कटिहार से विधायक तारकिशोर प्रसाद, एवं बेतिया से विधायक रेणु देवी ने भी शपथ ग्रहण की। दोनों को उप मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। राजद के नेतृत्व वाले पांच दलों के विपक्षी महागठबंधन ने समारोह का बहिष्कार किया। नीतीश के शपथ ग्रहण के साथ एक ऐसे कार्यकाल की शुरुआत हुई है, जिसमें जदयू पहले से कमजोर हुई है और बीजेपी पहली बार अपनी क्षेत्रीय सहयोगी पार्टी से मजबूत बनकर उभरी है।