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राज्यपाल से मिलकर मेयर ने सरकार के बढ़े हस्तक्षेप पर आपत्ति जतायी, न्याय दिलाने की गुहार

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द फॉलोअप टीम, रांची:
नगर निगम और नगर निकायों में सरकार के बढ़ते हस्तक्षेप का विरोध किया गया है। सरकार जन्म प्रमाण पत्र के जारी करने, होल्डिंग टैक्स वसूली से लेकर हर छोटे-बड़े कामों में सरकार पर दखल देने का आरोप लगाया गया है। इसी मामले को लेकर बुधवार को कई जनप्रतिनिधियों ने राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात कर अपनी व्यथा सुनाई और समस्याओं के हल की मांग की।

जनप्रतिनिधियों पर अंकुश लगाने का प्रयास 
रांची नगर निगम की मेयर आशा लाकड़ा के नेतृत्व में प्रदेश के हजारीबाग नगर निगम समेत अन्य नगर निकायों के मेयर, डिप्टी मेयर और अन्य जनप्रतिनिधियों ने राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात के बाद पत्रकारों से मेयर आशा लकड़ा ने कहा कि कहा कि हमलोग नगर निगम में चुने हुए जनप्रतिनिधि हैं। अगर सरकार को ही नगर निगम चलाना है तो फिर चुनाव क्यों कराए जाते हैं। उन्होंने कहा कि अब सरकार ऐसा भी नोटिफिकेशन लेकर आई है कि जनप्रतिनिधियों को हटाया जा सकता है। यह जनता के चुने हुए जनप्रतिनिधियों पर अंकुश लगाने का सरकार का कुत्सित प्रयास है। उन्होंने राज्यपाल से इस मामले को गंभीरता से लेने का आग्रह किया है।

खामियों के बावजूद कंपनी को काम मिल गया
उन्‍होंने राज्‍यपाल से गुहार लगाते हुए कहा कि सरकार रांची नगर निगम में होल्डिंग टैक्स एजेंसी को तय करने और विकास कार्यों के लिए फंड जारी करने में कोताही बरत रही है। मेयर ने बुधवार को राज्य के 10 नगर निकायों के जनप्रतिनिधियों के साथ दोपहर राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की थी। आशा लकड़ा ने आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य सरकार रांची नगर निगम समेत अन्य नगर निकायों में बेवजह दखलअंदाजी कर रही है। मेयर ने पिछले दिनों नगर निगम के बोर्ड द्वारा पुरानी एजेंसी होल्डिंग टैक्स वसूली एजेंसी स्पैरो को कार्य विस्तार दिए जाने के बावजूद नगर विकास विभाग की एजेंसी सूडा ने नई एजेंसी निर्धारित करने के लिए टेंडर निकाला और श्री पब्लिकेशन के दस्तावेज में खामी के बावजूद उसे काम दे दिया।

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फंड जारी नहीं करने का आरोप भी लगाया
मेयर ने रांची नगर निगम में विकास कार्यों के लिए फंड नहीं जारी करने का भी आरोप लगाया है। मेयर आशा लकड़ा का आरोप है कि नगर निगम को विकास कार्यों के लिए 175 करोड़ रुपये चाहिए लेकिन सरकार यह फंड जारी नहीं कर रही है। बता दें कि पिछले कुछ महीनों से नगर निगम की मेयर और नगर विकास विकास विभाग के बीच कई मुद्दों पर अनबन चल रही है।