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22 महीने की सृष्टि रानी को बचा लीजिये, 16 करोड़ की सुई की है जरुरत 

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द फॉलोअप टीम, रांची: 
झारखण्ड के पलामू जिला की रहने वाली 22 महीने की सृष्टि रानी SMA Type A बीमारी से ग्रसित है। सृष्टि के इलाज के लिए 16 करोड़ रुपये की एक सुई की जरुरत है। परिवार के साथ - साथ गांव के सभी लोग सृष्टि की जान बचाने के लिए 16 करोड़ रुपये जुटाने की मुहीम में लगे हैं। इसी क्रम में सृष्टि के परिवार के लोग रांची में सासंद संजय सेठ और शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो से मिले। 

जनवरी में बीमारी के बारे में चला पता 
सृष्टि के चाचा ने द फॉलोअप को बताया कि जनवरी महीने में सीएमसी वेल्लोर में जाँच के बाद यह पता चला कि सृष्टि SMA टाइप ए बीमारी से ग्रसित हैं. उसके बाद परिवार के लोगों ने एम्स दिल्ली में भी जाँच करवाया। वहां भी इस रोग के बारे में डॉक्टरों ने बताया। परिजनों ने बताया कि अब सिर्फ कुछ ही महीने बचे हैं। डॉक्टर के अनुसार दो महीने के अंदर यह इंजेक्शन लगाना जरुरी है।

 
 

अबतक 80 लाख रुपये हुए हैं जमा 
परिजनों ने बताया कि क्राउडफंडिंग और अन्य माध्यम से सृष्टि के लिए 80 लाख रुपये ही जमा हो पाया है। घर के सभी लोगों के साथ - साथ रिश्तेदार और गांव के लोग भी पैसे जुटाने में लगे हैं. इसके लिए सोशल मीडिया के साथ-साथ अन्य माध्यमों से लोगों से मदद की अपील की जा रही है।

पिता छत्तीसगढ़ में करते हैं काम 
22 महीने की सृष्टि रानी अपने पिता सतीश कुमार की इकलौती संतान है। सतीश छत्तीसगढ़ कोलवरी में काम करते हैं। वह मूल रूप से झारखण्ड के पलामू जिला के पाटन के सिक्की कला के निवासी हैं। परिवार के लोग अपना सबकुछ भी बेच देंगे फिर भी वह 16 करोड़ रुपये नहीं जुटा पाएंगे। इसलिए सभी लोग दूसरों की तरफ आस भरी निगाह से देख रहा है।

 


 

9608742225 नंबर पर हर संभव मदद करें
सृष्टि रानी को मदद करने के लिए 960 874 2225 इस नंबर पर फोन पे, गूगल पे और पेटीएम के माध्यम से पैसे भेज कर मदद किया जा सकेगा। साथ ही यस बैंक के खाता नंबर 700701717189139 जो एफडी सृष्टि रानी के नाम पर ही है, जिसका आईएफएससी कोड वाईईएसबीओसीएमएसएनओसी (YESBOCMSNOC) है इस पर भी पैसे भेजा जा सकता है।

स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी टाइप A क्या है?

स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी एक आनुवंशशक रोग है जो मोटर न्यूरॉन्स कहे जाने वाली तंशिकाओं को प्रभाशवत करता है जो मांशपेशशयों की गशतशवशि को शनयंशित करती हैं। इसे ‘स्पाइनल’ कहा जाता है क्योंकक अशिकांश मोटर न्यूरॉन्स स्पाइनल कॉर्ड (रीढ़ की हड्डी) में शस्थत होते हैं। ‘मस्कु लर’ इसके नाम में इसशलए शाशमल है क्योंकक यह रोग मुख्यत: उन मांसपेशशयों को प्रभाशवत करता है शजन्हें मोटर न्यूरॉन्स से संके त नहीं शमलते हैं। ‘एट्रोफी’ एक शिककत्सीय शब्द है शजसका तात्पयड ककसी िीज़ के कमजोर या छोटे होने से है, और मांसपेशशयों में तब होता है जब वे सकिय नहीं होती हैं।