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शिकारीपाड़ा में ESL ने ग्रामीणों को दिया निशुल्क एंबुलेंस, फिर भी क्यों हो रहा है विरोध

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द फॉलोअप टीम, दुमका: 

दुमका (Dumka) ज़िले के शिकारीपाड़ा प्रखंड परिसर में शिकारीपाड़ा और काठीकुंड को ईसीएल (ECL) के द्वारा निशुल्क एंबुलेंस सेवा भेंट करने के दौरान ग्रामीणों ने जमकर नारेबाजी की। बताते चलें कि प्रखंड परिसर में ईसीएल कोल कंपनी (Ecl Coal Company) के द्वारा एक समारोह का आयोजन किया गया था। शिकारीपाड़ा और काठीकुंड के लोगों के लिए निशुल्क एंबुलेंस सेवा को दुमका उपायुक्त (DC Dumka) और कोल कंपनी के पदाधिकारियों ने हरी झंडी दिखाकर सेवा की शुरुआत की।

ग्रामीणों ने विरोध में की नारेबाजी
विरोध में ग्रामीणों ने खूब नारेबाजी की। इस दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए ग्रामीणों ने बताया कि हम  ईसीएल के द्वारा दिए गए एंबुलेंस की सेवा को नहीं लेंगे और ना ही ईसीएल को कोयला निकालने देंगे। ग्रामीणों ने बताया कि अगर यहां से कोयला निकाला जाएगा तो हम लोगों को यहां से विस्थापित होना पड़ेगा और अपना जमीन छोड़कर यहां से जाना पड़ेगा।

ईसीएल को जमीन से इंकार किया
अगर हम लोग अपना जमीन दे देंगे तो इसमें हमारी आने वाली पीढ़ी क्या करेगी। यह जमीन हमारे पूर्वजों की है और इसे संभालना हमारा दायित्व है। ग्रामीणों ने ना जान देंगे और ना जमीन देंगे का नारा बुलंद किया। वे लगातार इसका विरोध कर रहे हैं।

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