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धोनी के बाद अब बाकी लोग भी पालने लगे हैं गाय, राजधानी में बढ़ा गुजरात के गिर गायों को पालने का चलन

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द फॉलोअप टीम, रांची:

झारखण्ड की राजधानी रांची इन दिनों पशुपालन की वजह से भी खूब चर्चा में है। एक तरफ राजधानी के चहेते राजकुमार माही यानी महेंद्र सिंह धोनी सैकड़ों एकड़ में फैले अपने फार्म हाउस में गोपालन कर सर्वश्रेष्ठ गोपालक का टाइटल अपने नाम कर चुके हैं, तो वही रांची के कई अन्य इलाकों में भी कई लोग गोपालन में अपने भविष्य की तलाश में जुटे हैं। गोपालन तथा उसके व्यवसाय से ही जुड़ी एक खबर फिर से राजधानी रांची से आयी है, जहाँ के गोपालकों के बीच गुजरात की गिर गायों को पालने का प्रचलन तेजी से बढ़ रहा है।  

गायों में गिर गाय इसलिए भी है विशेष
यूँ तो राजधानी रांची में देसी, फ्रीजन और साहिवाल गाय जैसे ब्रीड पालने का खूब ट्रेंड रहा है, पर राजधानी रांची में कोरोना काल के बाद कई गोपालकों के बीच गुजरात के गिर गायों को पालने की ललक साफ़ देखने को मिल रही है। ज्ञात हो कि एक दिन में करीब 9 लीटर दूध देने वाली गिर गायों की कीमत 80 हज़ार से करीब सात लाख रुपये तक होती है। इन गायों के दूध की कीमत स्थानीय बाज़ारों में करीब 150 रूपए प्रति लीटर है।

पौष्टिक है गिर गायों का दूध
एक तरफ जहाँ ज्यादातर स्थानीय बाज़ारों में सामान्य गायों का दूध करीब 40 से 50 रूपए प्रति लीटर बिकता है, वहीं गिर गाय के एक लीटर दूध का भाव बाजार में करीब 150 रूपए है। जाहिर है कि गिर गाय के दूध में प्रचुर मात्रा में पोषक तत्वों की मौजूदगी होती है। साथ ही इन गायों का दूध शरीर में इम्युनिटी बूस्टर का भी काम करता है। 

रांची के पशुपालक मिथिलेश कुमार के पास है करीब 65 गिर गायें
राजधानी रांची में मिथिलेश कुमार पिछले कई सालों से पशुपालन और इससे संबंधित व्यवसाय से जुड़े है। यूँ तो इस गाय की महंगी कीमत की वजह से बहुत कम ही लोग इसे खरीदने की हिम्मत जुटा पाते है, पर साल 2016 में मिथिलेश कुमार ने गुजरात से करीब 20 गिर गायों को मंगवाया था। फिलहाल उनके डेरी फॉर्म में गिर गायों की संख्या बढ़कर 65 हो चुकी है। मिथिलेश बताते हैं कि इन्हें पालने के दौरान साफ-सफाई, वैक्सीनेशन और खान-पान का विशेष ध्यान रखना होता है। गिर गायें देखने में काफी खूबसूरत और तंदुरूस्त होती हैं। हालांकि जिनके पास गिर की ऊंची नस्ल की नंदी होती है, वो अपने फार्म हाउस में उन्नत नस्ल की गायों का प्रजनन भी कराने में सफल होते हैं।

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