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झारखंड में एक्टिव मरीजों की संख्या 17 हजार के पार,  केवल 1,178 मरीज अस्पताल में भर्ती

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द फॉलोअप टीम, रांची:

कोरोना लगातार अपना पांव पसारता जा रहा है लेकिन राहत की बात यह है की राज्य में एक्टिव केस की संख्या 17000 से ज्यादा होने के बावजूद भी इस बार अस्पतालों में बेड के लिए मारामारी नहीं हो रही है। डॉक्टर सिर्फ गंभीर लक्षण वाले मरीजों को ही अस्पताल में भर्ती कर रहे हैं। बाकी हल्के लक्षण वाले मरीज घर में ही होम आइसोलेशन में है। सिर्फ रांची की बात करें तो 7113 एक्टिव केस हैं। 

रांची में मिले एक्टिव कोरोना मरीजों में से निजी व सरकारी अस्पतालों में 296 संक्रमित भर्ती हैं। रिम्स में ऑक्सीजन सपोर्ट पर 41 संक्रमित वेंटीलेटर पर है। वहीं सदर अस्पताल में 24 संक्रमित भर्ती हैं।  इसके अलावा निजी अस्पतालों में मेडिका में 16, आलम हॉस्पिटल में 1, हेल्थ पॉइंट में 4, पल्स हॉस्पिटल में 58, राज अस्पताल में 12, गुरु नानक 24, सेवा सदन में 3, रानी हॉस्पिटल में 7, देवकमल में 25, जगन्नाथ हॉस्पिटल में 2 और भी बाकी के अस्पतालों में भर्ती हैं। इनमें गंभीर लक्षण नहीं हैं। 

कहां कितने मरीज भर्ती 
सामान्य लक्षण होने की वजह से इस समय 16028 कोरोना संक्रमित हम आइसोलेशन में है। वही 1178 सिंप्टोमेटिक संक्रमित को अस्पताल में भर्ती किया गया है। 8 जनवरी की शाम 5:00 बजे तक पूरे राज्य में कोरोना के 17206 एक्टिव केस थे। राज्य भर के अस्पतालों में 206 संक्रमित ऑक्सीजन सपोर्ट बेड पर भर्ती में 178 रांची और 26 पूर्वी सिंह जिले में है। वहीं 62 संक्रमित आईसीयू में भर्ती है। रांची जिले में है वहीं पूर्वी सिंहभूम के दो संक्रमित वेंटिलेटर पर है। इसके अलावा 908 सामान्य बेड पर भर्ती हैं। इनमें सबसे अधिक संक्रमित पूर्वी सिंहभूम जिले में है। रांची में 62, बोकारो में 75, देवघर में 44, धनबाद में 126, गढ़वा में 18, जामताड़ा में 21, रामगढ़ में 31 संक्रमित अस्पताल में भर्ती हैं।

लैब बढ़ाने के निर्देश
कोरोना संक्रमण की रफ्तार को देखते हुए सिविल सर्जन ने निजी लैब संचालकों को जांच की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। राजधानी में रोजाना औसतन सात हजार टेस्ट हो रहे हैं। जिसमें औसतन 2000 कोरोना जांच निजी लैब में किए जा रहे हैं। 800 सैंपल की जांच हरमू रोड स्थित निजी लैब में की जा रही है। दूसरे नंबर पर स्टेशन रोड स्थित एक निजी लैब है जहां 640 सैंपल की जांच हर दिन की जा रही है। दूसरी ओर ड्रीम्स और सदर में भी जांच की व्यवस्था है जा सैंपल देने के 48 घंटे के बाद ही रिपोर्ट मिल रही है।