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बीते आठ दिन, नहीं मिला बेटे का शव, पुआल से बेटे का पुतला बनाकर किया दाह-संस्कार का कर्मकांड

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द फॉलोअप टीम, गुमला: 
दाह-संस्कार का कर्मकांड भी कितना मायने रखता है। नदी की तेज धारा में बहे बेटे का शव 8 दिनों बाद भी नहीं मिला, तो परिवारवालों ने पुआल से बेटे का पुतला बनाकर दाह संस्कार का कर्मकांड पूरा किया। रायडीह प्रखंड क्षेत्र के हीरादह में गांव में इस मंजर को देखकर सबकी आंखें छलछला उठी। 16  नवंबर को नदी में समा गए सुमित गिरि का शव अभी तक नहीं मिला है। तीन में से एक युवक का शव घटना के पांचवें दिन बरामद कर लिया गया था। लेकिन घटना के आठ दिन बीत जाने के बाद भी दो युवकों सुनील भगत और सुमित गिरि का कोई सुराग नहीं मिल पाया है। जब पुतले के रूप में घर के आंगन में सुमित का शव रखा गया तो उस समय घर में परिवार के सदस्यों की चीत्कार से गांव का माहौल मातम में बदल गया था। 

पिकनिक मनाने गई थी युवकों की टोली
बता दें कि गुमला जिला मुख्यालय से करीब पचास किलोमीटर दूर गुमला शहर के छह युवकों की एक टोली पिकनिक मनाने के लिए रायडीह प्रखंड क्षेत्र के पर्यटन स्थल हीरादह गई हुई थी। पिकनिक मनाने के दौरान सभी दोस्त खूब मौज मस्ती कर रहे थे और सभी नदी में नहाने के लिए उतरे। तभी नदी की तेज धारा में एक युवक बहने लगा, जिसे बचाने के लिए जब एक एक कर सभी नदी में कूदे तो उनमें से तीन युवक अभिषेक गुप्ता, सुनील भगत और सुमित गिरि नदी की तेज धारा में लापता हो गए। इसके बाद इसकी सूचना जिला मुख्यालय में दी गई। इसके बाद सैकड़ों लोग हीरादह पहुंचे, मगर उस दिन तीनों युवकों का कुछ भी पता नहीं चल सका। 

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2 युवकों का अबतक कोई सुराग नहीं मिला 
घटना के दूसरे दिन से ही लगातार एनडीआरएफ की टीम 3 दिनों तक लापता तीनों युवकों को ढूंढने का प्रयास किया था। मगर एनडीआरएफ की टीम को कोई सफलता नहीं मिली, इसके बाद टीम थक-हारकर वापस रांची लौट गई थी। लेकिन स्थानीय मछुआरों ने अभिषेक गुप्ता नामक युवक का शव बरामद किया, जबकि दो युवक लापता हैं। इसके बाद युवकों के परिजनों ने भी अपने जिगर के टुकड़े का अंतिम दर्शन भी नहीं हो पाने की स्थिति में पुतला बनाकर उनका अंतिम संस्कार कर दिया है। अभी गांव में चारों ओर मातम पसरा हुआ है।