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सरकार बनाने के फार्मूले पर महागठबंधन का मंथन शुरू, 12 सीटों का इंतजाम करने की कवायद

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फॉलोअप टीम, नई दिल्ली-पटना: 
बिहार चुनाव में एनडीए को जनता ने भले सरकार बनाने का एक बार फिर मौका दे दिया है, लेकिन सत्ता संग्राम में अब सत्ता की छीना-झपटी का खेल भी शुरू हो गया है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि महागठबंधन भी अपने दांवपेच आजमा रहा है। राजद की अगुवाई वाले पांच दलों के महागठबंधन ने अभी उम्मीद नहीं छोड़ी है। वह अपने दो पूर्व सहयोगियों से संपर्क में है जो फिलहाल एनडीए का हिस्सा हैं। 

महागठबंधन सरकार बनाने के दावंपेंच में 
सूत्रों की मानें तो राजद मुकेश सहनी की अगुवाई वाले विकासशील इन्सान पार्टी और पूर्व सीएम जीतन राम मांझी के हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा सेक्युलर के संपर्क में है। साथ ही पार्टी असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम से भी बातचीत परवान चढ़ रही है। रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि अगर पांच सीटें एआईएमआईएम और चार सीटें वीआईपी-हम की महागठबंधन के हिस्से आ जाएं तो बात बन सकती है।

एआईएमआईएम समर्थन के लिए राजी
बता दें दोनों दल पहले तो महागठबंधन का हिस्सा थे, लेकिन चुनाव के ठीक पहले बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए में चले गए थे। राजद के सूत्र बताते हैं कि एक कोशिश करने में क्या जाता है? अगर वीआईपी और हम हमारे साथ आ जाएं तो यह निश्चित है कि यह उनके लिए फायदे की बात होगी। हम उन्हें एनडीए से बेहतर जगह देंगे। एआईएमआईएम हमें समर्थन करने के लिए राजी है।

वीआईपी और हम के नेताओं ने की पुष्टि 
सूत्र ने कहा कि अभी तक कोई सकारात्मक जवाब नहीं आया है, लेकिन हमारे रास्ते हमेशा खुले हुए हैं। मुकेश सहनी डिप्टी सीएम बनना चाहते हैं जो हमारी पार्टी बनाने को तैयार है। वीआईपी और हम के नेताओं ने इस बात की पुष्टि की है कि राजद उनके संपर्क में है, लेकिन अभी एनडीए को छोड़कर जाने का फैसला नहीं हुआ है। वीआईपी के सूत्र ने कहा कि हमें डिप्टी सीएम और मंत्री पद की पेशकश की जा रही है। हमने अपने नेताओं के साथ इस पर चर्चा की है, लेकिन हम राजग से खुश हैं। इसके अलावा, अगर हम इतनी जल्दी इधर उधर जाएंगे तो यह हमारे कैडर में गलत संदेश भेज सकता है।

ओवैसी की पार्टी ने क्या कहा?
एआईएमआईएम की बिहार इकाई के अध्यक्ष अख्तरुल आइमान ने कहा कि विभाजनकारी ताकतों को सत्ता में वापस आने से रोकने के लिए हमें जो कुछ भी करना होगा, हम करेंगे। यह सही है कि लोगों के जनादेश का सम्मान किया जाना चाहिए, हम इसका सम्मान करेंगे और उसके अनुसार निर्णय लेंगे। 

'कांग्रेस हमारे लिए बोझ साबित हुई'
एक अन्य राजद नेता ने कुछ रणनीतिक गलतियों को स्वीकार करते हुए कहा कि महागठबंधन से वीआईपी का जाना और कांग्रेस के बारे में आकलन गलत रहा। वीआईपी ने साबित किया कि उसके पास ईबीसी वोट का हिस्सा है। कांग्रेस हमारे लिए बोझ साबित हुई। अगर हमने लेफ्ट दलों को और सीटें दी होती तो हमारे लिए यह अच्छा होता। राजद नेता ने कहा कि वे एनडीए की कमजोरियों' पर  लगातार निगाह रखेंगे।