द फॉलोअप टीम, रांची:
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत के एक हालिया बयान का झारखंड के दो प्रमुख मुस्लिम युवा और छात्र संगठन ने स्वागत किया है। इनमें ऑल मुस्लिम यूथ एसोसिएशन (आमया) और झारखंड छात्र संघ शामिल हैं। संगठन के केन्द्रीय अध्यक्ष एस अली ने कहा कि उनका बयान उन संगठनों और लोगों के मुँह पर तमांचा है, जो भारतीय मुसलमानों के धार्मिक और संवैधानिक अधिकार पर हमल कर रहे हैं। वहीं भारतीय मुसलमानों के प्रति नफरत, घृणा और विद्वेष फैला रहे हैं।
और कर डाली ये मांग की
एस अली ने बताया कि संघ प्रमुख ने कहा कि मुसलमानों को देश से जाने के लिए कहने वाले हिन्दू नहीं हो सकते। लीचिंग करने वाले हिंदुत्व विरोधी हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि हिंदू-मुस्लिम एकता को बहकाया जा रहा है। इसके साथ अली ने संघ प्रमुख से लीचिंग में मारे गये परिवार को न्याय दिलाने और इस्लाम धर्म के पैगम्बर (स.) पर आपत्तिजनक बयान देने वाले यति नरसिंहानंद सरस्वती के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए सहयोग की भी मांग की है।
क्या है संघ प्रमुख का बयान
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कल गाजियाबाद में एक पुस्तक विमोचन के दौरान कहा था कि भारत में रहने वाले सभी लोगों का डीएनए एक ही है, भले ही धर्म कोई भी हो। हिंदू-मुस्लिम एकता की बातें भी भ्रामक हैं क्योंकि ये दोनों अलग नहीं, बल्कि एक हैं। लोगों के बीच पूजा पद्धति के आधार पर अंतर नहीं किया जा सकता। उन्होंने मॉब लिंचिंग करने वालों के बारे में कहा कि ऐसे लोग हिंदुत्व के खिलाफ हैं।