द फॉलोअप टीम, रांची
कृषि कानून के विरोध में रांची के फिर आया लाल चौक पर विभिन्न राजनीतिक पार्टियों ने अपना विरोध प्रदर्शन किया। भारत बंद का आवाहन को लेकर हजारों की संख्या में लोग जुटे और केंद्र सरकार के खिलाफ नारा बुलंद किया। इस बीच झामुमो की तरफ से महुआ माजी. विधायक सीता सोरेन और महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य सड़क पर बैठ गए। सड़क पर बैठकर उन्होंने केंद्र के इस कानून का विरोध किया और कहा कि यह सिर्फ किसानों के नहीं बल्कि संविधान के विरुद्ध है।
सरकार द्वारा कानून के वापस लेने तक चलता रहेगा आंदोलन : सुप्रियो
अलबर्ट एक्का चौक के पास सड़क पर बैठकर सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि यह आंदोलन सिर्फ 1 दिन का नहीं है। जब तक सरकार इस कानून को वापस ना ले, तब तक पार्टी किसानों के हित में आंदोलन करती रहेगी। उन्होने कहा कि केंद्र सरकार अपने उद्योगपति मित्रों को फायदा पहुंचाने के लिए यह कानून लेकर आई है। लेकिन देश के किसान मूर्ख नहीं हैं। हम किसानों के साथ खड़े हैं।
पूंजीपतियों के पास बंधुआ मजदूर बन जाएंगे किसान : महुआ माजी
झामुमो नेता महुआ माजी भी अपने समर्थकों के साथ सड़क पर बैठी रही। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की नहीं है, अंबानी और अडानी की है। सराकर के इस कानून से किसान पूंजीपतियों के पास बंधुआ मजदूर बन जाएंगे। महुआ ने कहा कि झामुमो ऐसा नहीं होने देगी। उनकी पार्टी किसानों के साथ है। देश के किसानों के हित में केंद्र सरकार को यह काला कानून वापस करना होगा।
कृषि कानून के तीनों बिंदु पर अपत्ति : सीता सोरेन
जामा से विधायक सीता सोरेन ने भी केंद्र के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की। उन्होंने कृषि कानून के तीनों बिंदुओं पर आपत्ति जताई और कहा कि वे तीनों बिंदुओं पर सरकार के खिलाफ है। सीता सोरेन ने कहा कि सरकार किसानों का हक छीन रही है। लेकिन झामुमो इस प्रदर्शन में किसानों के साथ है। केंद्र सरकार को यह कानून वापस लेना ही होगा।