logo

विधानसभा में पूछने से अच्छा आरटीआई से पता करना: सरयू राय

3191news.jpg

द फॉलोअप टीम, रांचीजेपी की संपूर्ण क्रांति दौर से निकले सरयू राय तर्कों के साथ बात करने के लिए जाने जाते हैं। जिसमें चुटीलापन भी होता है। आज चाईबासा में ही उनका दिया बयान देख लीजिए। पूर्व मंत्री और निर्दलीय विधायक सरयू राय ने कहा कि विधानसभा में पूछे गए सवाल का जवाब सूचना अधिकार अधिनियम के तहत 10 रुपये लगाकर मांगने पर बेहतर मिलता है। पत्रकारों से उन्होंहने कहा कि झारखंड की पिछली सरकार हो या वर्तमान सरकार, मुख्यमंत्री के पास आधा से अधिक विभाग का जिम्मा होता है। जब हम लोग विधानसभा में सवाल करते हैं तो उसका कभी पूरा जवाब नहीं मिलता है। वहां मौजूद अफसरों के द्वारा आधा -अधूरा सवाल का जवाब देकर छोड़ दिया जाता है। जबकि इससे ज्यादा जवाब सूचना अधिकार के तहत 10 रुपये के पोस्टल ऑर्डर से मिल जाता है। इस प्रकार के रवैया को सरकार को बदलना होगा। उनके कामकाज के तरीके को बदल कर ही राज्य का विकास किया जा सकता है ।

प्रश्नकाल को समाप्त करना ठीक नहीं

राय ने कहा कि विधानसभा में प्रश्नकाल को समाप्त कर दिया गया है। इससे सरकार के दिए गए जवाब के बारे में हम सवाल ही नहीं कर पाते। इस बारे में सरकार को सोचना चाहिए। ऐसा ना हो कि विधानसभा का प्रभाव ही खत्म हो जाए। एक साल के कार्यकाल का आंकलन इस कोरोना काल के संकट के समय करना उचित नहीं होगा। 8 महीना संक्रमण काल का रहा। मार्च तक सरकार क्या उपलब्धि दिखाती है, इसके बाद ही हम सब इसका आंकलन करेंगे। साथ ही सरकार के एक साल होने पर अपने काम को वह किस प्रकार दिखाते हैं, उनकी घोषणा के बाद ही हम सभी को जानकारी मिल पाएगी।