द फॉलोअप टीम, पटना
बिहार चुनाव में दिल्ली से पटना तक माथापच्ची के बाद बीजेपी और जेडीयू में बात बन गई है। सीट शेयरिंग फाइनल होने के बाद बीजेपी के सभी दिग्गज नेता पटना पहुंच गए हैं। मंगलवार को दोनों दल के दिग्गज नेता साथ आकर सीटों की घोषणा करेंगे। बताया जा रहा है कि दोनों दलों के बीच फिफ्टी-फिफ्टी फॉर्मूले पर बात बनी है। जेडीयू 122 और बीजेपी 121 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
मुकेश सहनी की एंट्री एनडीए में !
उम्मीद है कि दोनों आज औपचारिक रूप से इसकी घोषणा कर देंगे। वहीं, चिराग के एनडीए से अलग होने के बाद तेजी से बिहार में राजनीतिक परिस्थिति बदली है। जानकारी के अनुसार हाल ही में महागठबंधन से अलग हुए मुकेश सहनी की एंट्री एनडीए में हो सकती है। मुकेश सहनी को बीजेपी अपने हिस्से से सीट देगी।
सहनी का मुंबई में है कोरोबार
मुकेश सहनी मुंबई में बिजनेस करते हैं। बिहार में उनकी विकासशील इंसान पार्टी है। वह इसके जरिए निषाद और मल्लाहों की राजनीति करते हैं। सहनी दावा करते हैं कि बिहार में अत्यंत पिछड़ी जातियां उनके साथ है। जिनकी राज्य की गंगा, कोसी, गंडक, बुढ़ी गंडक और नदी क्षेत्रों में उनकी पकड़ मजबूत है।
'हम' भी है एनडीए के साथ
इसके साथ ही एनडीए में एक और छोटी पार्टी की एंट्री हुई है। इस पार्टी के मुखिया पूर्व सीएम जीतनराम मांझी हैं। हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा को जेडीयू ने अपने हिस्से की 7 सीटें दी हैं। जीतनराम मांझी ने उम्मीदवारों की सूची जारी भी कर दी है। मांझी खुद महादलित समुदाय से आते हैं। बिहार में मुसहर जाति की आबादी सबसे ज्यादा गया, पूर्णिया, कटिहार और अररिया में है।
हम और वीआईपी को 7-7 सीटें मिलेंगी
चर्चा है कि जेडीयू और बीजेपी अपने हिस्से की सात-सात सीटें हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा और वीआईपी को चुनाव लड़ने के लिए देगी। इसके बाद जेडीयू के पास 115 और बीजेपी के पास 114 सीटें बच जाएंगी। बीजेपी ने नीतीश को थोड़ी अधिक सीटें देने पर सहमति जताई है। वहीं, सदन में अभी बीजेपी से अधिक जेडीयू के पास विधायक हैं।
बीजेपी कई सीटिंग एमएलए को बेटिकट करेगी !
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बीजेपी ने अपने 5-6 सीटिंग विधायकों को टिकट नहीं देने का फैसला किया है। इसके साथ ही वह किसी भी मौजूदा विधायक, सांसद और मंत्री के परिजनों को भी चुनावी मैदान में नहीं उतारने का फैसला किया है। सूत्र बताते हैं कि राज्य के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने अपने परिजनों और बच्चों के लिए पैरवी की थी। जिनकी उम्मीदवारी को पीएम मोदी और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में केंद्रीय चुनाव समिति ने खारिज कर दिया है।
उम्मीदवारों के चयन में जदयू की नई रणनीति
बीजेपी के साथ ही जेडीयू भी उम्मीदवारों के चयन में नई रणनीति अपना रही है। खासकर उन क्षेत्रों के लिए जहां एलजेपी की स्थिति मजबूत है। बीजेपी के चुनाव प्रभारी देवेंद्र फड़णवीस और बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव के दिल्ली में पार्टी के आला नेताओं के बीच कई दौर की बैठक हुई है। पार्टी सूत्रों ने बताया कि एलजेपी के साथ समझौते की अब कोई गुंजाइश नहीं है। जेडीयू की कोशिश है कि पार्टी उम्मीदवारों के लिए पीएम मोदी और नीतीश कुमार की संयुक्त रैली का आयोजन करें।