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बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सरकार को घेरा, कहा- दुष्कर्मी के लिए मुआवज़ा, पीड़िता के लिए मौन, यही है हेमंत सोरेन का झारखंड मॉडल? 

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द फॉलोअप डेस्क 
बोकारो जिले के नवादा खंड अंतर्गत पैक नारायणपुर गांव में मॉब लिंचिंग में 24 साल के अब्दुल कलाम नीके मनु की मौत हो गयी। इसके बाद मंत्री इरफान अंसारी पीड़िता परिवार के घर पहुंचे। मंत्री ने 4 लाख मुआजा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने के ऐलान किया। इस पर बीजेपी नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने कड़ी आपत्ती जताई है। उन्होंने पूरे मामले की जानकारी देते हुए कहा कि बोकारो के कडरूखुट्ठा गांव में एक आदिवासी महिला तालाब में स्नान करने गई थी। वहीं गांव में काम कर रहा अब्दुल कलाम, महिला से छेड़खानी करता है और दुष्कर्म की कोशिश करता है। महिला चिल्लाती है, ग्रामीण जुटते हैं, और आरोपी की जमकर पिटाई होती है। पिटाई के दौरान उसकी मौत हो जाती है। घटना दुखद है, क्योंकि कानून को हाथ में लेना सही नहीं।

लेकिन उससे भी ज़्यादा शर्मनाक है इसके बाद झारखंड सरकार और कांग्रेस नेताओं की प्रतिक्रिया, जिन्होंने पीड़िता को भूलकर पूरी संवेदना उस व्यक्ति के लिए लुटा दी जो एक आदिवासी महिला का बलात्कार करना चाहता था। कांग्रेस विधायक डॉ. इरफान अंसारी ने पूरे मामले को 'मॉब लिंचिंग' कहकर मुस्लिम उत्पीड़न की कहानी बना दी। हेमंत सोरेन सरकार ने तत्काल अब्दुल कलाम के परिवार को 4 लाख मुआवज़ा, 1 लाख सहायता राशि और स्वास्थ्य विभाग में नौकरी तक ऑफर कर दी- एक बलात्कारी के साथ शहीद जैसी राजकीय सहानुभूति!
यह समझना बहुत अहम है कि राज्य और तथाकथित सेक्युलर ‘विचारधारा’ ने इस मामले को कैसे पलट दिया। डॉ. इरफान अंसारी जैसे नेता इस मुद्दे को साम्प्रदायिक रंग देकर आदिवासी समाज के घाव पर नमक छिड़कते हैं, जबकि झारखंड सरकार पूरी तरह वोटबैंक तुष्टिकरण में लिप्त है। बलात्कारी अगर “राजनीतिक रूप से सुरक्षित समुदाय” से हो, तो उसके घर को ही ‘पीड़ित परिवार’ घोषित कर दिया जाता है। हेमंत सोरेन सरकार से एक सवाल- क्या आदिवासी अब इस राज्य में दोयम दर्जे के नागरिक हैं? क्या आदिवासी स्त्रियों की अस्मिता अब आपकी राजनीति के लिए ‘दूसरी प्राथमिकता’ बन चुकी है? या सिर्फ इसलिए चुप हैं क्योंकि यह मामला ‘धर्मनिरपेक्ष नैरेटिव’ के खिलाफ जाता है? झारखंड की सरकार ने एक आदिवासी महिला की चीखों को अनसुना कर दिया- सिर्फ इसलिए कि आरोपी की पहचान उनके 'वोटबैंक' से मेल खाती थी।

बता दें कि मंत्री इरफान अंसारी ने भी सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट साझा किया था। उसनें उन्होंने कहा कि, बोकारो जिले के नवादा खंड अंतर्गत पैक नारायणपुर गांव में मॉब लिंचिंग में 24 साल के अब्दुल कलाम नीके मनु की नृशंस हत्या की सूचना मिली थी। आज जिले के सिविल सर्जन, जिला प्रशासन, पिज्जा, मंच प्रभारी और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ पीड़ित परिवार से सामूहिक हरसंभव सहायता का भरोसा दिया। संत की मां को गले लगाकर उनके दुःख शोक का प्रयास किया गया। सोचिए उस मां पर क्या बीत रही थी जिसके युवा बेटे की उसके सामने प्रतिद्वंदी से शादी हो गई थी। यह संशोधन ही मन में स्थापित हो जाता है।
जो ग़लत है, वो ग़लत है। सभ्य समाज में हिंसा की कोई जगह नहीं है। अगर किसी ने ग़लती की है तो उसके लिए क़ानून है - सज़ा देने का हक़ अदालत का है, भीड़ का नहीं। कागज़ का टुकड़ा जो हो, उसे हर हाल में क़ानून के शिकंजे में लाया जाएगा। आदर्श राहुल गांधी जी की ओर से 1,00,000 की आर्थिक सहायता, मुख्यमंत्री श्री पेट्रोलियम सोरेन जी की ओर से 1,00,000 की सहायता और मॉब लिंचिंग लॉ के अंतर्गत 4,00,000 का मुआवज़ा साथ ही, स्वास्थ्य विभाग की ओर से आउटसोर्सिंग के माध्यम से एक सदस्य को नौकरी दी गई। जिला प्रशासन को निर्देश दिया गया अपराधी का कोई धर्म नहीं होता, सिर्फ कानून होता है। किसी को भी बक्शा नहीं जाएगा। 

 

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