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सुप्रीम कोर्ट से जारी नोटिस के बाद बिहार सरकार ने हलफनामा दायर कर रखा अपना पक्ष

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द फॉलोअप टीम, पटना: सुशांत सिंह राजपूत के आत्महत्या मामले में हर रोज कोई न कोई नये सुराग मिल रहे हैं। इस बीच बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर किया है। हलफनामे में कहा गया है कि रिया चक्रवर्ती द्वारा दायर स्थानांतरण याचिका को 'गलत और बनाए रखने लायक' नहीं है। शुक्रवार को रिया चक्रवर्ती पूछताछ के लिए ईडी के दफ्तर पंहुच गई है, जहां उनसे मामले में लगे आरोपों पर पूछताछ की जाएगी। 

सुप्रीम कोर्ट के नोटिस का दिया जवाब 
हलफनामे में सरकार ने यह भी कहा है कि राज्य सरकार के पास इस मामले की जांच करने का अधिकार क्षेत्र है। बिहार सरकार ने हलफनामे में यह कहा कि हमने जो एफआईआर दर्ज की है, उसमें कहीं कोई गलती नहीं थी। अगर एक संज्ञेय अपराध की जानकारी मिलती है तो, पुलिस को एफआईआर दर्ज करनी पड़ती है। मृतक के पिता ने शिकायत की थी कि उनके बेटे की कड़ी मेहनत की कमाई का गबन किया गया है। इस मामले में हमने एफआईआर दर्ज कर जांच की मांग की है। इस मामले में मुबंई पुलिस ने बिहार पुलिस का कोई सहयोग नहीं किया। 

ईडी दफ्तर पहुंची रिया चक्रवर्ती 
रिया चक्रवर्ती पर सुशांत के पैसे हड़पने और खाते से 15 करोड़ रुपये निकालने का आरोप है। उनसे मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में भी पूछताछ होगी। इससे पहले उन्होंने जांच एजेंसी के सामने पेश होने से इनकार कर दिया था। इसपर ईडी ने कहा था कि उन्हें आज ही पेश होना होगा। इसके साथ ही ईडी ने सुशांत की पूर्व बिजनेस मैनेजर और दोस्त श्रुति मोदी को समन भेज दिया है। उसे भी आज ईडी के सामने पेश होने के लिए कहा गया है। इसके अलावा एजेंसी ने सुशांत के दोस्त सिद्धार्थ पिठानी को भी 8 अगस्त को पेश होने के लिए नोटिस भेजा है।

रिया के बुने जाल में फंस चुके थे सुशांत
बिहार पुलिस के वरिष्ठ अधीक्षक ने सुप्रीम कोर्ट को दिए हलफनामे में बताया है कि रिया चक्रवर्ती, सुशांत को अपने घर ले गई थीं और वहीं उन्होंने एक्टर को दवाइयों के ओवरडोज देना शुरू कर दिया था। बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल जवाब में कहा है कि रिया चक्रवर्ती ने सुशांत सिंह राजपूत की फर्जी डिप्रेशन थ्योरी गढ़ी थी। बिहार पुलिस का कहना है कि रिया और उसके परिजनों ने सुशांत सिंह राजपूत के पैसे को हड़पने का मकसद बताया। इसके साथ ही यह भी बताया कि सुशांत फिल्म इंडस्ट्रीज को छोड़ना चाहते थे। वो चाहते थे कि जैविक खेती करें। इसी वजह से रिया ने सुशांत को ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया। इसके साथ ही रिया ने सुशांत को धमकाना शुरू किया कि वह सुशांत की मेडिकल रिपोर्ट मीडिया के सामने ला देगी। उसे मानसिक तौर पर बीमार साबित कर देगी और फिर कभी उसे इंडस्ट्रीज में काम नहीं मिलेगा।

सुप्रीम कोर्ट में रिया की सुनवाई की जरूरत नहीं
बिहार सरकार ने कहा है कि इस मामले में बिहार पुलिस को जांच करने में परेशानी हो रही थी। इसलिए यह मामला सीबीआई को देने का फैसला किया, और केंद्र सरकार से मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की। अब सीबीआई अपना काम कर रही है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट में रिया चक्रवर्ती की सुनवाई की कोई जरूरत नहीं है।

सुशांत के 17 करोड़ पर थी रिया की नजर
बिहार सरकार ने हलफनामे में बताया कि 8 जून को रिया ने अपने साथ पैसे, लैपटॉप, क्रेडिट कार्ड और ज्वेलरी लेकर चली गयी। कुछ महत्वपूर्ण कागज भी लेकर गई है। सुशांत ने अपनी बहन को बताया था कि रिया ने उसे फंसाने की धमकी दी है। मामले में जांच के दौरान यह भी पता चला कि मृतक के कोटक बैंक खाते में 17 करोड़ थे। इसमें 15 करोड़ ऐसे व्यक्ति के खाते में ट्रांसफर हुए जो सुशांत से जुड़ा ही नहीं था। ऐसा समझा जाता है कि रिया की नजर उसके पैसे पर थी।