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महिला दिवस विशेष : झारखंड के 20 वर्षों के सफर में 2020 रहा शर्मनाक, सबसे अधिक हुए बलात्कार

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मार्च में लॉकडाउन के बाद 6 महीने तक हममे से कोई बाहर नहीं आया, इसके बावजूद बलात्कार के आंकड़ों में साल 2020 सबसे आगे रहा। 2020 में भी जिस समय लॉकडाउन अपने चरम पर रहा, तब सबसे ज्यादा बलात्कार हुए हैं। यह महीना जून का था। इस महीने में 176 बलात्कार की घटनाएं रिपोर्ट हुई हैं। 

विवेक आर्यन, रांची : 
झारखंड में सबसे ज्यादा बलात्कार 2020 में हुए हैं। पिछले जितने सालों का डाटा झारखंड पुलिस के वेबसाइट पर मौजूद हैं, उनमें से सबसे अधिक बलात्कार के मामले 2020 में ही दर्ज हुए हैं। इस साल कुल 1794 मामले सामने आए हैं। चौंकाने वाली बात है कि मार्च के बाद लॉकडाउन के दौरान 6 महीने तक हममे से कोई बाहर नहीं आया, इसके बावजूद आंकड़ों में सबसे आगे 2020 ही रहा। 2020 में भी जिस समय लॉकडाउन अपने चरम पर रहा, तब सबसे ज्यादा बलात्कार हुए हैं। यह महीना जून का था। इस महीने में सबसे अधिक 176 बलात्कार के मामले सामने आए थे। सबसे कम अप्रैल में 104 मामले रिपोर्ट हुए हैं। हर महीने में लगभग 150 मामले रिपोर्ट किये गए हैं। 



2011 में आए थे बलात्कार के सबसे कम मामले 
आंकड़े बताते हैं कि 2019 में बलात्कार के कुल 1693 मामले सामने आए थे। यानी दोनों साल के आंकडों में 101 का अंतर है। सबसे अधिक बलात्कार के आंकड़ों में 2019 दूसरे स्थान पर आता है। पिछले दस साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो सबसे कम मामले 2011 में (657) सामने आए। 2012 में 800, 2013 में 1263, 2014 में 1141, 2015 में 1211, 2016 में 1176, 2017 में 1338 और 2018 में 1478 मामले रिपोर्ट किये गए हैं। यह भी उल्लेखनीय है कि बलात्कार के आंकड़ों का ट्रेंड साल-दर-साल बढ़ता रहा है।
 


2020 में दहेज के लिए गई 273 बेटियों की जान 
दहेज की वजह से हत्या के मामले में 2020 के आंकड़े 2019 से कम हैं। 2019 में जहां 301 ऐसे मामले सामने आए थे, वहीं 2020 में 273 मामले रिपोर्ट हुए हैं। यानी 28 मामले कम रिपोर्ट हुए हैं। दहेज की वजह से हुई हत्याओं के मामले में सबसे बुरा साल 2014 रहा था। इस साल राज्य में 324 ह्त्याएं रिपोर्ट हुईं। सबसे कम 2011 में 241 मामले सामने आए थे। इस मामले में भी लगातार आंकड़े बढ़े हैं। यह भी चिंता का विषय है।
 
डायन प्रथा के नाम पर सबसे अधिक हत्याएं 2016 में 
डायन प्रथा के नाम पर सबसे अधिक हत्याएं 2016 में हुई थीं। इस साल हत्याओं का आंकड़ा 41 था। 2020 में रिपोर्ट हुई हत्याओं में से 27 डायन प्रथा से संबंधित थे। इसके मुकाबले 2019 में 33 हत्याएं रिपोर्ट हुईं थीं। डायन बिसाही से संबंधित सबसे कम हत्याएं 2018 में हुई थी, इस साल 18 ऐसे मामले सामने आए थे। इस मामले में झारखंड पुलिस के आंकड़ों का ट्रेंड सामान्य है। 2011 में 37 , फिर क्रमश: 36, 36, 27 और 34 के बाद 2020 में 27 हत्याएं बताती हैं कि एक दो सालों को छोड़कर आंकड़े कम हुए हैं। 



नोट - उपर्युक्त आंकड़े झारखंड पुलिस के वेबसाइट से लिए गए हैं। वेबसाइट पर मानव तस्करी से संबंधित आंकड़े उपलब्ध नहीं थे।