रांची
अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति और सामान्य के लिए आरक्षित प्रथम चरण के 43 सीटों पर हुए मतदान में महिला मतदाताओं ने रुचि दिखाई है। ख़ासकर अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीटों में महिलाओं का उत्साह देखने लायक रहा है। इन आरक्षित सीटों के मुक़ाबले जनरल सीटें कुछ पीछे रहीं। बावजूद इसके जनरल सीटों में महिला मतदाताओं ने अधिक संख्या में वोट किया है। इसके लिए मंईयां सम्मान योजना और सर्वजन पेंशन योजना काफ़ी हद तक महिलाओं का मतदान में प्रतिशत बढ़ाने में सहायक रहा।
पहले चरण की 43 सीटों का औसत मतदान 65.71 प्रतिशत रहा। एसटी सीट पर यह 77 % को पार कर गया। इनमें आठ सीटों पर मतदान 70 प्रतिशत से अधिक रहा। एससी सीटों पर 61 से लेकर 70 प्रतिशत तक मतदान हुआ। मतदाताओं की मानें तो सरकार की योजनों की वजह से इस बार मतदाताओं ने रुचि दिखाई है। मंईयां सम्मान योजना, सर्वजन पेंशन योजना, किसान ऋण माफी, बिजली बिल बकाया माफ, मुफ्त बिजली जैसी योजना ने मतदाताओं को मतदान के लिए प्रेरित किया है।
विभिन्न विधानसभा क्षेत्र को देखें तो 2014 से 2024 तक में काफ़ी बदलाव देखने को मिला। विष्णुपुर में 2024 में 70.84 प्रतिशत, 2019 में 63.5 प्रतिशत, जबकि 2014 से 2024 के वोटर का टर्न आउट को देखें तो यह 3.77 प्रतिशत दर्ज किया गया। इसी तरह खूंटी में 2024 में 69.77 प्रतिशत, 2019 में 63.4 प्रतिशत एवं 2014 से 2024 तक यह आंकड़ा 6.67 प्रतिशत रहा। तमाड़ में 2019 और 2014 के चुनाव में 63 प्रतिशत मतदान हुआ था, जबकि 2024 में यह आकंडा 74.05 प्रतिशत पहुँच गया। खरसावाँ में वोटर का टर्नआउट देखने को मिला 2014 में यहाँ 77 प्रतिशत एवं 2019 में 73.9 प्रतिशत मतदान हुआ था, जबकि 2024 में यह आंकड़ा 79.11 प्रतिशत हो गया। पोटका विधानसभा क्षेत्र में भी 2014 और 2019 से अधिक मतदान दर्ज किया गया। 2014 में जहाँ 68.70 प्रतिशत एवं 2019 में 69.3 प्रतिशत मतदान हुआ, वहीं 2024 में यह बढ़कर 73.30 प्रतिशत हो गया। इसी तरह गुमला , सिसई, मांडर, तोरपा, बहरागोड़ा, बड़कागांव समेत शेष विधानसभा सीटों में हुए मतदान में दो से 06 प्रतिशत तक की बढ़त 2024 में दर्ज की गई।