द फॉलोअप डेस्क नेशनल
उत्तर प्रदेश में पुलिस भर्ती में फर्जीवाड़े मामले का खुलासा हुआ है। इसे लेकर भर्ती बोर्ड ने 7 अभ्यर्थियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। भर्ती बोर्ड के अनुसार सॉल्वर गैंग की मदद से फर्जीवाड़े को अंजाम दिया गया। उतरा प्रदेश पुलिस प्रोन्नति एवं भर्ती बोर्ड के इंस्पेक्टर ने बताया कि 7 आरोपियों में 2 महिला अभ्यर्थी भी शामिल हैं। दरोगा बहाली फर्जीवाड़े मामले में अलीगढ निवासी गौरव कुमार, एटा निवासी कुमारी मालती, बुलंदशहर से घनश्याम जयसवाल और महाराजगंज निवासी सुधीर गुप्ता पर प्राथमिकी दर्ज की गई है।
वर्ष 2020-21 में यूपी पुलिस भर्ती की हुई थी परीक्षा
बता दें कि उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती बोर्ड ने वर्ष 2020-21 में सब-इंस्पेक्टर, प्लाटून कमांडर और अग्निशमन अधिकारी के रिक्त पदों के लिए बहाली निकाली थी। परीक्षा ऑनलाइन आयोजित करायी गई थी। सॉल्वर गैंग के लोगों ने तकनीक का फायदा उठाकर इस परीक्षा में डमी कैंडिटेट के जरिये परीक्षा दिलाई। यही नहीं सॉल्वर गैंग ने इस परीक्षा में डमी अभ्यर्थियों को 7 अलग-अलग केंद्रों में बैठाया था।
ऐसे हुआ फर्जीवाड़े का खुलासा
यूपी पुलिस भर्ती फर्जीवाड़े में जांच के बाद चौकाने वाले खुलासे किये गए। भर्ती बोर्ड ने चयनित अभियर्थियों का फिंगरप्रिंट सत्यापन करवाया। फिंगरप्रिंट सत्यापन में यह पाया गया कि यूपी पुलिस भर्ती में सातों अभ्यर्थी फर्जी हैं। वेरिफिकेशन में फिजिकल टेस्ट में शामिल अभ्यर्थियों के फिंगरप्रिंट मैच नहीं हुए। इसके बाद सातों अभ्यर्थियों के खिलाफ हुसैनगंज थाना में मुकदमा दर्ज कर लिया गया। यूपी बोर्ड के पुलिस प्रोन्नति एवं भर्ती बोर्ड के इंस्पेक्टर ने मामले की जानकारी दी।