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दिल्ली  : 4 साल सेवा अवधि के बाद क्या होगी 'अग्निवीरों' की मंजिल, सेना भर्ती की नई योजना पर उठे सवाल

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डेस्क :
भारत सरकार ने सेना भर्ती की नई योजना का ऐलान किया है। इस योजना का नाम अग्निपथ दिया गया है। साढ़े 17 से 21 साल के युवा इस अग्निपथ योजना के तहत सेना में भर्ती होगें उन्हें अग्निवीर कहा जायेगा। मगर इन सैनिको जिन्हे अग्निवीर कहा जा रहा है, इनकी सेवा अवधि मात्र 4 साल की होगी। इसके बाद सेवा अवधि समाप्त हो चुके सैनिको में से 25 फ़ीसदी सैनिको को स्थाई कैडर में भर्ती किया जायेगा। ऐसे में सवाल है कि स्थाई कैडर में भर्ती होने बाद बाकी बचे 75 फ़ीसदी सैनिको का क्या होगा ? मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस से लेकर डिफेंस एक्सपर्ट ने इस नई भर्ती योजना पर सवाल उठाये है।

 

केंद्रीय मंत्री से लेकर तीनों सेना प्रमुखों ने की योजना की तारीफ
मोदी सरकार की इस नई सेना भर्ती योजना की केंद्रीय मंत्री से लेकर तीनो सेना प्रमुखों ने तारीफ की है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और तीनो सेना प्रमुखों ने मंगलवार को अग्निपथ स्कीम की घोषणा की। हालांकि, विपक्षी पार्टी कांग्रेस और कुछ रिटायर्ड सेना के अधिकारियों ने इस योजना पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस तरह भर्तियां होने से सेना की क्षमता और कार्यप्रणाली प्रभावित हो सकती है। 


क्या है नई सेना भर्ती स्कीम 'अग्निपथ'
इस योजना के तहत  इच्छुक युवक-युवती  भारतीय सेना में भर्ती हो सकते हैं। जिसकी निम्नलिखित कुछ शर्ते है -
1. आवेदक भारत का  नागरिक होना जरूरी है।
2. आवेदक की उम्र साढ़े 17 साल से 21 साल के मध्य होना जरूरी। 
3. आवेदक उम्मीदवार का 10वीं या 12वीं पास होना जरूरी है। 
4. जो 10वीं पास होंगे उन्हें प्रशिक्षण के दौरान कक्षा 12वीं पढ़ाई भी कराई जाएगी।
5. चार साल के कार्यकाल में पहले छह महीने ट्रेनिंग दी जाएगी।
इसके बाद सेना के जवानों के साथ देश सेवा का मौका मिलेगा।
नोट - इस योजना के तहत भर्ती किये गए सैनिको की सेवा अवधि मात्र 4 वर्ष की होगी। 


 

4 वर्ष बाद 25 फ़ीसदी अग्निवीरों को स्थाई कैडर में मिलेगा मौका 
अग्निवीरों का चार वर्षीय सेवाकाल खत्म होने के बाद वे इच्छानुसार रेगुलर काडर के लिए आवेदन कर सकेंगे।हालांकि, रेगुलर काडर में कुल अग्निवीरों में से अधिकतम 25 फीसदी को जगह मिलेगी।प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके बाकी 75 फीसदी अग्निवीरों को चार साल की सेवा के बाद घर भेज दिया जाएगा। जिन जवानों को सेवा से मुक्त किया जाएगा, उन्हें स्वरोजगार के काबिल बनाया जाएगा। साथ ही सशस्त्र बलों और अन्य सरकारी सेवाओं की भर्ती में प्राथमिकता दी जाएगी। इसके साथ ही अग्निवीर को पूर्व सैनिक कोटे का भी लाभ मिलेगा।

राजनाथ सिंह ने योजना को बताया मील का पत्थर तो कांग्रेस ने उठाये सवाल 
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस नई योजना का ऐलान करते हुए इसे मील का पत्थर बताया। वही मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस का कहना है कि इस तरह सेना में भर्तियां होने से सेना की क्षमता और कार्यप्रणाली प्रभावित हो सकती है। 

कॉन्ट्रैक्ट की भर्तियों पर कांग्रेस के मुख्य सवाल 
सरकार की इस नई योजना पर कांग्रेस ने सवाल उठाया है। कांग्रेस ने पूछा है कि क्या इन चार साल की भर्तियों से सेना के स्थाई भर्तियों की जरूरत पूरी हो जाएगी ?
सेना के स्पेशल कैडर में शामिल होने के लिए करीब 2 साल की ट्रेनिंग होती है। क्या ऐसे पदों पर जवानो की भर्ती  इन चार साल वाली अनुबंध आधरित सेवाओं से संभव है ?
हथियार के टैंक, आर्टिलरी, गन, मिसाइल यूनिट्स के अलावा टेक्निकल चीजों को समझने के लिए लम्बी ट्रेनिंग की जरूरत पड़ती है, ऐसे में तीन महीने के अंदर कैसे ये सैनिक कैसे ट्रेंड हो पाएंगे?
केंद्र सरकार ग्रुप D के कर्मचारियों को 31 हज़ार रुपये की मासिक तनख्वा देती है। जबकि इन आग्निवीरो की भर्तियां 30 हज़ार रुपये की मासिक तनख्वा पर की जाएगी। क्या इतने कम भुगतान में सैनिको की भर्ती सही  हैं?

रक्षा विशेषज्ञों के सवाल 
कई रक्षा विशेषज्ञ ने इस नई सेना भर्ती योजना पर सवाल उठाये है। रक्षा विशेषज्ञ पीके सहगल का कहना है कि ये स्कीम सही नहीं है। नौकरी में भर्ती होने वाले  ज्यादातार युवाओ को 4 साल बाद निराश होना पड़ सकता है क्योंकि स्थाई कैडर तो 25 फ़ीसदी लोगों को ही मिलना है। पीके सहगल का कहना है कि रक्षा क्षेत्र से सेवानिवृत व्यक्ति को समाज में आसानी से कोई दूसरी बेहतर नौकरी नहीं मिलती। जिसका फायदा उठाकर ऐसे युवाओ को गलत कामों में उलझाया सकता है। उन्होंने कहा कि मात्र 6 महीने की ट्रेनिंग में कोई कैसे बेहतर सैनिक बन सकता है। वही भारतीय सेना के पूर्व DGMO रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल विनोद भाटिया ने इस स्कीम को सेना के लिया खतरा बताया। उन्होंने कहा कि ऐसे कोई भी स्कीम को पहले पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर उतारा जाना चाहिए। 

सवालों पर केंद्र का जवाब 
सरकार ने उठ रहे सवालो पर कहा कि जो अग्निवीर 4 साल बाद इस स्कीम से बाहर होंगे उन्हें सेवा निधि पैकेज के तहत 11 से 12 लाख रुपये एकमुश्त दिए जाएंगे। केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से बताया गया कि इसके अलावा 4 साल पूरा करने वाले अग्निवीरों को CAPFs और असम राइफल्स में भर्ती के दौरान प्राथमिकता देने का निर्णय लिया गया है।