द फॉलोअप डेस्क
विश्व प्रसिद्ध तिरुपति बालाजी मंदिर में प्रसाद के रूप में मिलने वाले लड्डू में मिलावट की पुष्टि के बाद चंद्रबाबू नायडू की सरकार एक्शन में है। आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू ने तिरुपति बालाजी मंदिर में बनने वाले लड्डू में इस्तेमाल होने वाले घी सप्लाई का ठेका नंदिनी को देने की बात कही है। आंध्र प्रदेश की वर्तमान सरकार ने गुरुवार को नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड की रिपोर्ट दिखाते हुए, पिछली सरकार के कार्यकाल के दौरान तिरुपति के लड्डू के अंदर जानवरों की चर्बी होने का दावा किया।
मिली जानकारी के मुताबिक नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड की रिपोर्ट दावा करती है कि तिरुपति के लड्डू बनाने के लिए जिस देसी घी का इस्तेमाल किया जा रहा था, उसमें 3 जानवरों की चर्बी की मिलावट थी।
क्यों है नंदिनी पर भरोसा
नंदिनी ने तिरुपति मंदिर में भेजे जाने वाले घी में मिलावट की संभावना खत्म करने के लिए विशेष योजना बनाई है। नंदिनी घी ले जाने वाले टैंकरों में जीपीएस और इलेक्ट्रॉनिक लॉकिंग सिस्टम लगाकर सावधानी बरतेगा ताकि घी में किसी तरह की मिलावट न हो। इसके अलावा 'नंदिनी' दक्षिण भारत, विशेष रूप से कर्नाटक में डेयरी उत्पादों का एक विश्वसनीय नाम है, जो अपनी हाई क्वालिटी दूध और घी के लिए जाना जाता है।
किन जानवरों की चर्बी का है जिक्र
राज्य सरकार ने जो लैब रिपोर्ट शेयर की है, उसमें लड्डू में इस्तेमाल होने वाली घी के अंदर वेजिटेबल फैट और एनिमल फैट होने का दावा है। जिसमें सोयाबीन, सनफ्लोवर, ऑलिव, रेपसीड, लिसीड, व्हीट जर्म, मेज जर्म, कॉटन सीड, कोकोनट, पाम कर्नल, पाम ऑयल जैसे वेजिटेबल फैट के साथ बीफ टैलो, लार्ड और फिश ऑयल जैसे एनिमल फैट भी पाए गए हैं।
क्या है बीफ टैलो, लार्ड और फिश ऑयल
रिपोर्ट में जिस बीफ टैलो, लार्ड और फिश ऑयल का जिक्र किया गया है, उसका मतलब है-
बीफ टैलो- जुगाली करने वाले जानवरों के अंगों के आसपास से निकाली गई सफेद रंग की चर्बी होती है, जिसमें- भैंस, भेड़, बकरी, गाय और हिरण जैसे जानवर शामिल हैं।
लार्ड- सुअर की चर्बी से बना यह पदार्थ मुलायम ठोस या आधा ठोस होता है।
फिश ऑयल- फिश ऑयल वो पदार्थ है, जिसे मछलियों से निकाला जाता है।
स्वास्थ्य के लिए है हानिकारक
विदेशों में काफी बड़े स्तर पर लोग एनिमल फैट का इस्तेमाल खाने के लिए करते हैं। लेकिन यह एनिमल फैट आपको कई खतरनाक बीमारियां दे सकता है। एनिमल फैट में ट्रांस जैसे गंदे फैट का भरपूर सोर्स होता है, जो इसे खाने के लिए अयोग्य बनाते हैं। इस फैट को खाने से लोगों की नसें ब्लॉक हो सकती है। इसके साथ ही लोगों में हार्ट अटैक, स्ट्रोक, मोटापा और कैंसर का खतरा भी बढ़ सकता है।