द फॉलोअप डेस्कः
हाथरस में 2 जुलाई को सत्संग के दौरान मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि बड़ी संख्या में लोग घायल हो गए थे। हाथरस भगदड़ मामले में गठित एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट दे दी है। अब हर कोई जानना चाहता है कि आखिर 2 जुलाई को सूरज पाल सिंह जाटव उर्फ नारायण साकार हरि के सत्संग में ऐसा क्या हुआ था कि भगदड़ मच गई। भगदड़ की शुरुआत हुई कैसे? घंटों शांति से बैठे भक्त अचानक दौड़ने क्यों लगे। सत्संग खत्म होते ही ऐसा क्या हुआ कि भीड़ उतावली हो गई। इन सवालों के शुरुआती जवाब सामने आ गए हैं।
रिपोर्ट में जो खुलासे हुए हैं उसके मुताबिक इस भगदड़ की वजह कोई और नहीं, बल्कि खुद भोले बाबा थे। 2 जुलाई के दोपहर 1.30 बजे तक सब कुछ शांत था। 2 लाख से ज्यादा की भीड़ अपनी-अपनी जगह पर बैठी थी। दोपहर 12.30 बजे उन्होंने अपना प्रवचन शुरु किया था और ठीक 1.30 बजे प्रवचन समाप्त भी कर दिया। अब तब सब कुछ ठीक और शांत था। भक्त अपनी अपनी जगह पर ही बैठे थे। लेकिन प्रवचन समाप्त करने से ऐन पहले भोले बाबा भक्तों को ऐलानिया आदेश देते हैं कि अब वो उनके चरणों की धूल ले सकते हैं।
भोले बाबा का बस इतना कहना था कि दो 2.5 लाख का हुजूम अचानक खड़ा हो गया। अब हर चरण बाबा के चरणों की धूल की तरफ लपकने लगा और बस यहीं से शुरुआत होती है हाल के वक्त की सबसे खूनी भगदड़ की। इस चश्मदीद का दावा था कि यदि भोले बाबा उसी वक्त माइक पर भक्तों से एक अपील कर देते तो भक्त शांत होकर अपनी-अपनी जगह पर लौट जाते, लेकिन भोले बाबा ने ऐसा नहीं किया। उलटे वो वहां से गाड़ियों के अपने काफिले के साथ निकल गए। उन्हें निकलता देखने के बावजूद भक्त नहीं रुके। वो अब उस कार के पहिये से उड़ने वाली धूल को मुट्ठी में कैद करने के लिए अब पीछे-पीछे भागने लगे, जो धूल उठाने के लिए झुके, उन्हें पीछे से आती भीड़ गिराती चली गई। फिर किसी को वहां से कभी उठने का मौका ही नहीं मिला।
हाथरस में हुए भगदड़ को आज पूरा एक हफ्ता हो चुका है। लेकिन जिस भोले बाबा के सत्संग में इस भगदड़ की वजह से 123 लोगों की जानें गईं. वो अब तक सामने नहीं आया है। ना ही पुलिस या मामले की जांच कर रही न्यायिक कमेटी ने अब तक उसे पूछताछ के लिए बुलाया है। अलबत्ता अपनी सफाई देने के लिए बाबा ने 2 मिनट का अपना एक बयान जरूर जारी किया था। बाबा तमाम बड़ी-बड़ी बातें अपने बयान में कर रहे हैं। भक्तों को दिलासा भी दे रहे हैं। लेकिन सात दिन बीत गए अब तक वो अपने खुफिया ठिकाने से बाहर नहीं निकले।