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UPA के राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी यशवंत सिन्हा ने कहा है कि राष्ट्रपति भवन में वैसा ही व्यक्ति जाए, जो इन ज़िम्मेदारियों को निभा सके। तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पहल पर क़रीब 17 विपक्षी पार्टियों ने यशवंत सिन्हा को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है। यशवंत सिन्हा ने कहा है कि वे उन सभी विपक्षी पार्टियों को धन्यवाद देते हैं, जिन्होंने साथ आकर उन्हें उम्मीदवार के रूप में चुना। उन्होंने कहा- अगर कोई ऐसा व्यक्ति राष्ट्रपति भवन में जाता है जो सरकार के क़ब्ज़े में है। ऐसे में उसकी हिम्मत ही नहीं होगी कि वो सलाह भी दे।
चौथी पसंद होने के बाद भी उम्मीदवारी स्वीकार्य
सिन्हा ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि मैं इस पद के लिए चौथी पसंद था। लेकिन मैं ये कहना चाहता हूँ कि अगर पर 10वीं पसंद भी रहता, तो मैं इसे स्वीकार कर लेता, क्योंकि ये बड़ी लड़ाई है। विपक्षी दलों ने पहले शरद पवार को उम्मीदवार बनाने की कोशिश की थी, लेकिन पवार ने इससे इनकार कर दिया। बाद में गोपाल कृष्ण गांधी और फ़ारूक़ अब्दुल्लाह का भी नाम आया। आख़िरकार यशवंत सिन्हा के नाम पर सहमति बनी।
अपने पुराने सहयोगियों के पास जायेंगे यशवंत सिन्हा
यशवंत सिन्हा ने कहा कि वे अपने पुराने सहयोगियों के पास भी समर्थन मांगने जायेंगे। यशवंत सिन्हा बीजेपी के वरिष्ठ नेता रहे हैं। 2018 में उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी। अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में वे वित्त मंत्री और विदेश मंत्री रहे। बीजेपी छोड़ने के बाद 2021 में वे तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए। अब वे 2022 राष्ट्रपति चुनाव में UPA के राष्ट्रपति उम्मीदवार हैं।