द फॉलोअप डेस्क
यूपी के गोंडा में बेपटरी हुई डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस पर अब सियासत शुरू हो गई है। झारखंड मुक्ति मोर्चा ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को जमकर खरी-खोटी सुनाई है। उन्होंने उनके एक बयान पर उनपर जमकर निशाना साधा है। जेएमएम ने अपने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर लिखा है कि रेल मंत्री को रेल की चिंता नहीं है, उन्हें शब्दों की पड़ी है। शब्दों से फ़ुरसत मिलते ही रील बनाना और चुनाव प्रभारी की भूमिका में लग जाना पड़ता है।
असम के CM बाढ़ में जनता को मारता छोड़ “रिसार्ज” के लिए झारखंड घूमते हैं
जेएमएम ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट कर लिखा है कि रेल मंत्री को रेल की चिंता नहीं है, उन्हें शब्दों की पड़ी है। शब्दों से फ़ुरसत मिलते ही रील बनाना और चुनाव प्रभारी की भूमिका में लग जाना पड़ता है। असम के CM बाढ़ में जनता को मारता छोड़ “रिसार्ज” के लिए झारखंड घूमते हैं। कृषि मंत्री को किसानों की सुध लेने की फ़ुरसत नहीं। क्या ऐसे ही ये तानाशाह देश चलायेंगे।
रेल मंत्री को रेल की चिंता नहीं है - उन्हें शब्दों की पड़ी है।
— Jharkhand Mukti Morcha (@JmmJharkhand) July 18, 2024
- शब्दों से फ़ुरसत मिलते ही रील बनाना और चुनाव प्रभारी की भूमिका में लग जाना पड़ता है
- #Assam के CM बाढ़ में जनता को मारता छोड़ “रिसार्ज” के लिए झारखंड घूमते हैं
- कृषि मंत्री को किसानों की सुध लेने की फ़ुरसत… https://t.co/2i84I1eXb3
क्या कहा था रेल मंत्री ने...
बता दें कि केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने था कि सार्वजनिक जीवन में शब्दों का चयन बहुत महत्वपूर्ण है। विपक्ष द्वारा पीएम मोदी के लिए जिस तरह के शब्दों का चयन किया जा रहा है, वह बेहद चिंताजनक है। 'हिंसा' और 'हत्या' जैसे शब्दों के इस्तेमाल से उपज होती है।" इसका सीधा परिणाम यह है कि यह समाज में अनावश्यक तनाव पैदा करता है। जैसा कि एक (सेवानिवृत्त) आईपीएस ने आज लिखा, इसका एक मनोवैज्ञानिक प्रभाव है क्योंकि यह हिंसक व्यवहार को बढ़ावा देता है। विपक्ष को ऐसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, अपनी राजनीतिक गरिमा बनाए रखनी चाहिए और गंभीरता और नियंत्रण बनाए रखना चाहिए उनके शब्दों में।"