द फॉलोअप डेस्क
झारखंड सरकार ने कोयला कंपनियों पर 1।36 लाख करोड़ रुपये बकाये की मांग को लेकर इसे जीएसटी काउंसिल में उठाने का फैसला किया है। 20-21 दिसंबर को राजस्थान के जैसलमेर में केंद्र सरकार की प्री-बजट बैठक और जीएसटी काउंसिल की बैठक आयोजित की जाएगी। इस बैठक में देश के सभी राज्यों के और अधिकारी शामिल होंगे। झारखंड के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर और वित्त सचिव प्रशांत कुमार इस बैठक में शामिल होने के लिए जैसलमेर रवाना हो गए हैं। राज्य सरकार इस बैठक में केंद्रीय बजट को लेकर सुझाव देगी और विकास व कल्याणकारी योजनाओं में अधिक हिस्सेदारी की मांग करेगी।
राज्य की मांगें
वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर इस बैठक में बुनियादी ढांचा, स्वास्थ्य, कृषि और शिक्षा के क्षेत्रों के लिए विशेष सहायता की मांग करेंगे। इसके अलावा आंगनबाड़ी केंद्रों को मजबूत करने, आदिवासी विकास योजनाओं, वृद्धा और विकलांग पेंशन में अधिक केंद्रीय सहायता और रोजगार सृजन में सहयोग की मांग की जाएगी।
राज्य सरकार का कहना है कि जीएसटी लागू होने के बाद झारखंड का राजस्व घटा है। इसे देखते हुए सरकार मुआवजे की अवधि को अगले पांच सालों के लिए बढ़ाने की मांग करेगी। राज्य की ओर से केंद्र से जीएसटी राजस्व की प्रतिपूर्ति के लिए ठोस कदम उठाने की अपील भी की जाएगी। झारखंड सरकार का कहना है कि केंद्रीय योजनाओं में राज्य की हिस्सेदारी बढ़ाई जाए ताकि विकास कार्यों को तेजी से पूरा किया जा सके।