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RRB-NTPC : बिहार में छात्रों के आंदोलन से गर्माई सियासत, राजद और हम ने सरकार को बनाया निशाना-जानिये डिटेल्स

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पटना:

बिहार में छात्रों का आदोलन चौथे दिन भी जारी है। शुरुआत एनटीपीसी के छात्रों ने की थी, लेकिन जब रेलवे भर्ती से वंचित आरआरबी द्वारा आयोजित एनटीपीसी सीबीटी-1 के परीक्षाफल में गड़बड़ी से नाराज छात्र इसमें शामिल हो गए तो प्रदर्शन उग्र हो गया। पटना के राजेंद्र नगर से इनकी चिंगारी गया, आरा और बक्सर आदि शहरों तक जा पहुंची। साथ ही यूपी के  प्रयागराज तक छात्र सड़क पर उतर गए। इधर, बिहार में छात्रों को उकसाने के आरोप में कोचिंग संचालकों के विरुद्ध बिहार पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। जिसमें चर्चित खान सर के अलावा एसके झा सर, नवीन सर, अमरनाथ सर, गगन प्रताप सर और गोपाल वर्मा सर के नाम शामिल हैं।

 

 

इधर, छात्रों के आंदोलन ने सियासत गर्म है। राजद और हम ने सरकार को निशाना बनाया है। नीतिश सरकार में शामिल हम के सु्प्रीमो व पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने इस कार्रवाई का विरोध किया है। उन्‍होंने ट्वीट कर कहा कि संविधान में हिंसा तोड़फोड़ का आधिकार किसी को नहीं है। लेकिन सरकार को रोजगार के विषय में बात करनी चाहिए। छात्र उपद्रव के नाम पर खान सर सहित पटना के कई शिक्षकों पर किये गये मुकदमे छात्र आन्दोलन को ज्यादा भड़का सकते हैं। वहीं राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने कहा है कि पुलिस को शिक्षकों की जगह रेलवे भर्ती बोर्ड के अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज करना चाहिए। रेलवे बहाली बोर्ड के अध्यक्ष सहित तमाम सदस्यों को अभियुक्त बनाया जाना चाहिए।

 

 

क्या है मामला

छात्रों का कहना है कि 13 पदों के लिए परीक्षा हुई  थी। रेलवे बोर्ड ने कई पदों के लिए एक ही उम्मीदवार का चयन कर लिया। जिसके कारण कई छात्र सेलेक्शन से वंचित हो गए हैं। ग्रुप डी के सिंगल एग्जाम वाले करीब डेढ़ करोड़ छात्र हैं।एनटीपीसी छात्रों के साथ ग्रुप डी के छात्र भी  शामिल हो गए। खान सर का कहना है कि आरआरबी ने एनटीपीसी सीबीटी-1 की परीक्षा में ग्रेजुएशन और इंटरमीडिएट दोनों के छात्रों को एक साथ बैठाया। सिंगल प्रश्न पत्र दिया। जबकि ग्रेजुएशन वालों का कट ऑफ अलग और  इंटरमीडिएट वाले छात्रों का अलग रखा। रिजल्ट देने में गड़बड़ी हुई।इंटरमीडिएट वालों को 20 गुना पर रिजल्ट देने को कहा गया था. लेकिन 10 गुना पर ही रिजल्ट मिला।

 

 

रेलवे ने दी चेतावनी

उग्र आंदोलन से घबराकर  रेलवे ने चेतावनी दी है। रेल मंत्रालय की ओर से जारी नोटिस में कहा गया कि हंगामा करने वाले अभ्यर्थियों को रेलवे के किसी पद पर जिंदगी भर नौकरी नहीं दी जाएगी। वहीं रेल मंत्रालय ने दोनों परीक्षा (गैर-तकनीकी लोकप्रिय श्रेणियों और रेलवे भर्ती बोर्ड की लेवल-1 ) पर रोक लगा दी है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, 'हमें एक समाधान खोजना होगा कि जिन लोगों को शॉर्टलिस्ट किया गया है, वे पीड़ित न हों, लेकिन जिन्हें... शिकायतें हैं, उन्हें भी संबोधित किया जाए। छात्रों से अनुरोध है कि वे अपनी मांगों को औपचारिक रूप से रखें। हम इसकी जांच करेंगे। 

 

 

जांच कमेटी 4 मार्च को रिपोर्ट देगी

रेल मंत्रालय (Indian Railways) ने जांच के लिए कमेटी का गठन किया है। कमेटी में दीपक पीटर, अध्यक्ष, प्रधान कार्यकारी निदेशक (औद्योगिक संबंध), रेलवे बोर्ड, राजीव गांधी, सदस्य सचिव कार्यकारी निदेशक स्थापना (आरआरबी), रेलवे बोर्ड, आदित्य कुमार, सदस्य मुख्य कार्मिक अधिकारी (प्रशासन), पश्चिम रेलवे, जगदीश अलगर, सदस्य अध्यक्ष आरआरबी/चेन्नई और मुकेश गुप्ता, सदस्य अध्यक्ष आरआरबी/भोपाल शामिल हैं। कमेटी चार मार्च तक रिपोर्ट देगी।