खंडवा:
महाराष्ट्र के यवतमाल की रहने वाली 55 वर्षीय पुष्पा की मौत हो चुकी है। 3 दिन से महिला का शव अस्पताल की मॉर्च्युरी में पड़ा परिजनों के आने के इंतजार है लेकिन परिवार वाले समय की कमी का हवाला देकर आने से इंकार कर रहे हैं। विडंबना देखिए की महिला के बेटे ने समय की कमी का हवाला देकर मां का अंतिम संस्कार करने से ही मना कर दिया है। पुलिस बीते 4 दिन से परिजनों को फोन कर अंतिम संस्कार हेतु कागजी प्रक्रिया पूरी करने के लिए कह रही है लेकिन कोई नहीं आ रहा।
कार दुर्घटना में हुई पुष्पा की मौत
मिली जानकारी के मुताबिक बीते 25 मई को यवतमाल की रहने वाली पुष्पा अपनी बेटी निकिता, भतीजे अभिषेक औऱ भतीजी पिंकी के साथ कार में बैठकर बैतुल देसली होते हुए ओंकारेश्वर जा रही थी। कार भतीजा अभिषेक चला रहा था। अचानक देसली गांव के पास कार का स्टेयरिंग फेल हो गया। कार पलट गई। हादसे में पुष्पा, निकिता और पिंकी को गंभीर चोट लगी। अभिषेक की स्थिति ठीक थी।
वो स्थानीय लोगों की मदद से तीनों को लेकर खंडवा जिला अस्पताल पहुंचा। पिंकी और निकिता को यहां से नागपुर के एक अस्पताल भेज दिया गया जहां उनका इलाज किया जा रहा है। पुष्पा को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। इस बीच भतीजा अभिषेक, पुष्पा के शव का पोस्टमॉर्टम कराए बिना चला गया।
बेटे ने अंतिम संस्कार से मना किया
तीन दिन से पुष्पा का शव खंडवा जिला अस्पताल की मॉर्च्युरी में पड़ा है। मोघट थाना के टीआई ईश्वर सिंह चौहान दिवंगत पुष्पा के बेटे सन्नी, भाई राकेश और ससुराल पक्ष के लोगों को फोन मिला रहे हैं लेकिन कोई आने को तैयार नहीं। बताया जाता है कि पुष्पा के पति का पहले ही निधन हो चुका है। घर में पुष्पा के अलावा बेटा सन्नी और बेटी निकिता और गुड़िया है। सभी की शादी हो चुकी है। पुलिस का कहना है कि जब उन्होंने बेटे सन्नी को फोन किया तो उसने समय की कमी का हवाला देकर आने से मना कर दिया।
उसने ये भी कहा कि मुझे कोई मतलब नहीं है। वहीं, ससुर इंद्रजीत ने कहा कि मेरी उम्र काफी है। वहीं भाई राकेश ने अंत्येष्टि के लिए आने की हामी भरी है। कहा कि रिजर्वेशन नहीं हुआ था इसलिए नहीं आ पाया।