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रिकॉर्ड : डॉलर के मुकाबले और लुढ़का रुपया,1 डॉलर की कीमत  77.81 रुपये 

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डेस्क :
बीते कुछ सप्ताह में रुपया कई बार नए रिकॉर्ड स्थापित कर हैं।यह रिकॉर्ड टूटने का डॉलर के मुकाबले कमजोर होने का है।रूपया गुरुवार को अपने पुराने रिकॉर्ड को तोड़ते हुए अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया। डॉलर की तुलना में भारी गिरावट के साथ यह 77.81 के स्तर पर आ गया, जो कि इसका सर्वकालिक निचला स्तर है। गौरतलब है कि बीते दिनों आई रिपोर्टों में अनुमान जताया गया है कि भारतीय मुद्रा फिसलकर 81 के स्तर पर पहुंच सकती है।  

81 रुपये तक रुपये के टूटने का अनुमान 
रिकॉर्ड के इस दौर में रूपया और भी गिर सकता है। एक रिपोर्ट में विशेषज्ञों के हवाले से कहा गया है कि डॉलर के मुकाबले रुपया आने वाले दिनों में 81 के सर्वकालिक निचले स्तर पर पहुंच सकता है। मतलब अभी रुपये के हालत सुधरने की संभावना नहीं दिख रही हैं। हालांकि, इस बीच संभावना जताई है कि इस स्तर तक टूटने के बाद रुपये में फिर से बढ़ोतरी संभव है। रुपये के टूटने से कई क्षेत्रों में बड़ा असर देखने को मिलता है। इसमें तेल की कीमतों से लेकर रोजमर्रा के सामनों की कीमतों में इजाफा शामिल है। 

आयातित सामानों की बढेंगी कीमतें  
भारत अपने कई जरूरी सामानों के लिए विदेश पर निर्भर हैं।  तेल से लेकर जरूरी इलेक्ट्रिक सामान और मशीनरी के साथ मोबाइल-लैपटॉप समेत अन्य गैजेट्स के लिए दूसरे देशों से आयात पर निर्भर है। अधिकतर मोबाइल और गैजेट का आयात चीन और अन्य पूर्वी एशिया के शहरों से होता है। यही वजह है कि कारोबार डॉलर में होता है।अगर रुपये में इसी तरह गिरावट जारी रही तो देश में आयात महंगा हो जाएगा। विदेशों से आयात होने के कारण इनकी कीमतों में इजाफा तय है, मतलब मोबाइल और अन्य गैजेट्स पर महंगाई बढ़ेगी और आपको ज्यादा खर्च करना होगा। 

रुपये का लुढ़कना रोजमर्रा की चीज़ो पर डालेगा असर 
भारत अपनी जरूरत का 80 फीसदी कच्चा तेल विदेशों से खरीदता है। जिसका भुगतान डॉलर में होता है और डॉलर के महंगा होने से रुपया ज्यादा खर्च होगा। ऐसे में माल ढुलाई महंगी होगी, इसके असर से हर जरूरत की चीज पर महंगाई की और मार पड़ेगी,जो जनता को परेशान करेगी ।