द फॉलोअप डेस्क
राज्यसभा में डॉ भीमराव अंबेडकर को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा दिये गये बयान पर सियासत काफी गर्म है। RJD नेता तेजस्वी के बाद अब राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने भी गृह मंत्री के इस बयान की निंदा की है। बता दें कि इसके बारे में बात करते वक्त लालू यादव इतने गुस्से में थे कि उन्होंने अमित शाह को लेकर विवादित बयान दे दिया। अपने बयान में RJD सुप्रीमो ने अमित शाह को पागल कहा है। जानकारी हो कि मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए लालू ने कहा कि अमित शाह पागल हो गये हैं। उनको बाबा साहेब अंबेडकर से घृणा है, इस कारण वो उन्हें लेकर ऐसे बयान दे रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि अमित शाह के पागलपन का हम खंडन करते हैं। इस दौरान लालू यादव ने बाबा साहेब आंबेडकर को महान और भगवान बताया। साथ ही अमित शाह को इस्तीफा देने या नहीं देने वाले सवाल पर लालू ने कहा कि उनको इस्तीफा देकर भागना चाहिए। उनको राजनीति से ही त्याग दे देना चाहिए।भाजपा प्रवक्ता ने लालू को बताया राजनीति का जोकर
बता दें कि गृह मंत्री पर लालू प्रसाद के बोल बिगड़ने के बाद भाजपा प्रवक्ता अरविंद सिंह ने भी उनपर तीखा प्रहार किया है। इस दौरान उन्होंने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह ने जब विपक्ष को आईना दिखाया, तो कुछ लोग तिलमिला गये हैं। इस बयान पर बात करते हुए उन्होंने लालू प्रसाद को राजनीति का जोकर तक कह दिया। अरविंद सिंह ने कहा कि आपलोग दलितों के हत्यारे हैं और कुर्सी की आप चरण वंदना कर रहे हैं। गृह मंत्री ने सच कहा, आपलोगों ने बाबा साहब को हराने के काम किया है। आपलोग राजनीतिक अपराधी हैं।अमित शाह के किस बयान पर मचा है बवाल
जानकारी हो कि अमित शाह ने राज्यसभा में कहा था कि अभी एक फैशन हो गया है। अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर। इतना नाम अगर भगवान का लेते, तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता। अच्छी बात है। हमें तो आनंद है कि अंबेडकर का नाम लेते हैं। अंबेडकर का नाम 100 बार से ज्यादा लो। लेकिन अंबेडकर जी के प्रति आपका भाव क्या है? ये मैं बताना चाहता हूं। अंबेडकर जी को देश की पहली कैबिनेट से इस्तीफा क्यों देना पड़ा।
इसके बाद गृह मंत्री ने आगे कहा कि अंबेडकर जी ने कई बार कहा कि अनुसूचित जातियों और जनजातियों से हुए व्यवहार से मैं असंतुष्ट हूं। सरकार की विदेश नीति से मैं असहमत हूं। आर्टिकल 370 से मैं अहसमत हूं। इसलिए वो कैबिनेट छोड़ना चाहते थे। बाबा साहेब को आश्वासन दिया गया, लेकिन वो पूरा नहीं किया गया। लगातार दरकिनार किये जाने से उन्होंने कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था। अमित शाह के बयान की यही कुछ पंक्तियां वायरल होने के बाद राजनीतिक सियासत तेज हो गयी और इंडिया गठबंधन के नेता संसद से लेकर सड़क तक उनके बयान का विरोध करने लगे। साथ ही उनसे माफी मांगने और इस्तीफा देने की मांग करने लगे।