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उज्जैन : काशी विश्वनाथ कॉरिडोर से 9 गुना बड़ा महाकाल लोक में शिव-पार्वती विवाह की गाथा देखेंगे भक्त,पीएम करेंगे कल राष्ट्र को समर्पित

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उज्जैन:
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर को कौन नहीं जानता है। आपको याद होगा कि 800 करोड़ रुपय की लागत से 5 हेक्टेयर एरिया में फैले 300 मीटर कॉरिडोर  को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने महज एक साल पहले यानि 2021 में देश के नाम समर्पित किया था। एकबार फिर से देश को काशी विश्वनाथ से बड़ा कॉरिडोर देश को मिलेगा। पीएम देश को ये बड़ी सौगात देने जा रहे हैं। पीएम 11 अक्टूबर यानि कल पीएम उज्जैन नगरी में महाकाल लोक का लोकार्पण करेंगे (Will inaugurate Mahakal Lok in Ujjain city )। महाकाल लोक  काशी विश्वनाथ कॉरिडोर (Kashi Vishwanath Corridor) से 9 गुना बड़ा है। पहले चरण के निर्माण के बाद 4 गुणा बड़ा और दूसरे चरण का काम पूरा होने के बाद यह कुल 9 गुणा बड़ा हो जाएगा। उज्जैन में महाकाल लोक के लोकार्पण के लिए व्यापक स्तर पर तैयारी की जा रही है। साज-सज्जा की जा रही है। 11 अक्टूबर को महाकाल लोक का भव्य समारोह में लोकार्पण हो जाएगा। हालांकि पर्यटक दो दिन बाद यानी 14 अक्टूबर से महाकाल लोक को देख सकेंगे। 


856 करोड़ रुपए की लागत से 2 फेज में डेवलप किया जा रहा
महाकाल के आंगन को 856 करोड़ रुपए की लागत से 2 फेज में डेवलप किया जा रहा है। इसके पूरा होने के बाद 2.8 हेक्टेयर में फैले महाकाल का पूरा एरिया 47 हेक्टेयर का हो जाएगा। 946 मीटर लंबे कॉरिडोर पर चलते हुए भक्त महाकाल मंदिर के गर्भगृह तक पहुंचेंगे। कॉरिडोर पर चलते हुए उन्हें बाबा महाकाल के अद्भुत रूपों के दर्शन तो होंगे ही, शिव महिमा और शिव-पार्वती विवाह की भी गाथा देखने-सुनने को मिलेगी।

दिव्य परिसर में 36 मंदिर
महाकाल गलियारे के इस दिव्य परिसर में 36 मंदिर हैं। इनमें लक्ष्मी नृसिंह मंदिर, ऋद्धि-सिद्धि गणेश, श्रीराम दरबार, विट्ठल पंढरीनाथ मंदिर, अवंतिकादेवी, चंद्रादित्येश्वर, साक्षी गोपाल, मंगलनाथ, अन्नपूर्णा देवी, ओंकारेश्वर महादेव, प्रवेश द्वार के गणेश, वांच्छायन गणपुत,  सती माता मंदिर, नागचंद्रेश्वर, सिद्धि विनायक, श्री सिद्धदास हनुमान, स्वप्रेश्वर महादेव, बृहस्पतेश्वर महादेव, नवग्रह मंदिर, त्रिविष्टपेश्वर महादेव, मारुतिनंदन हनुमान, मां भद्रकाल्ये मंदिर, श्रीराम मंदिर, नीलकंठेश्वर, शिव की प्राचीन प्रतिमाएं, सूर्यमुखी हनुमान, वीरभद्र, लक्ष्मीप्रदाता मोढ़ गणेश मंदिर, प्राचीन नागबंध, कोटेश्वर महादेव, अनादिकल्पेश्वर महादेव, दक्षिणी मराठों का मंदिर, सिद्ध तंत्रेश्वर महादेव, चंद्रमौलेस्वर, सप्तऋषि मंदिर शामिल हैं।