द फॉलोअप डेस्क
राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा (Life consecration in Ram temple) के बाद पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने अपना 11 दिनों को उपवास समाप्त कर दिया है। संत स्वामी गोविंद देव ने उनको चरणामृत देकर उपवास की समाप्ति की घोषणा की। गोविंद ने इस समय बताया कि पीएम मोदी को संतों ने 3 दिनों के व्रत के लिए कहा था। लेकिन पीएम मोदी ने 11 दिनों के उपवास का निश्चय किया और इसे पूरा भी किया। गोविंद देव ने मोदी की उपवास समाप्ति पर कहा कि पीएम मोदी शिवाजी के बाद ऐसे दूसरे शासक हैं, जिसमें भक्ति का ऐसा भाव और समपर्ण दिखाई पड़ा है। उन्होंने पीएम मोदी की तुलना राजर्षि से करते हुए कहा कि वे ऐसे व्यक्ति हैं, जो कठोर से कठोर तप से भी विचलित नहीं हुए।
गोविंद देव ने की शिवाजी से तुलना
पीएम मोदी की उपवास समाप्ति पर संत गोविंद देव ने आगे कहा कि मोदी शिवाजी की तरह धर्म को समर्पित शासक हैं। उन्होंने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा से पहले अनुष्ठानों को पूरा करने के लिए पीएम मोदी ने खुद ही संतों से संपर्क किया और पूछा कि उनको क्या-क्या करना है, इसकी सूची दी जाये। संतों ने उनको 3 दिन के व्रत के लिए कहा, लेकिन उन्होंने 11 दिनों का उपवास रखा। उनको एक समय भोजन करने के लिए कहा गया, लेकिन उन्होंन भोजन ही त्याग दिया और सिर्फ फलाहार पर रहे। ठंड के मौसम के बावजूद उन्होंने 11 दिनों तक सिर्फ एक कंबल का इस्तेमाल किया। इस दौरान मोदी सभी अपेक्षित अनुष्ठानों में भाग लेते रहे। इस तरह का धैर्य और संकल्प विरले ही देखने को मिलता है।
पीएम मोदी ने कहा, ये अलौकिक क्षण
आयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद पीएम मोदी ने लोगों को संबोधित भी किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि आज हमारे राम आ गए हैं। सदियों की प्रतिक्षा के बाद हमारे राम आ गए है। त्याग और तपस्या के बाद हमारे राम आ गए हैं। समस्त देशवासियों को बहुत-बहुत बधाई। उन्होंने कहा, हमारे प्रभु राम आ गए हैं। कितना कुछ कहने को है, लेकिन मेरा चित्त अभी भी उस पल में लीन है। हमारे रामलला अब टेंट में नहीं इस दिव्य मंदिर में रहेंगे। ये क्षण अलौकिक है, ये पल पवित्र है। 22 जनवरी 2024 का यह सूरज एक अद्बुध आभा लेकर आया है। ये एक तारीख नहीं ये एक नए काल चक्र का उद्गम है।