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प्रधानमंत्री ने खूंटी में लॉन्च की 'पीएम जनमन' योजना, 1000 गांव के 75 आदिम जनजाति समूह तक पहुंचने का लक्ष्य

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द फॉलोअप डेस्क:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज झारखंड के खूंटी जिला स्थित भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली खूंटी से पीएम जनमन अभियान की शुरुआत की। प्रधानमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महाअभियान योजना के तहत 1000 गांवों में रहने वाले 75 ऐसे आदिम जनजातीय समुदाय की पहचान की गई है जिन तक अभी विकास की रोशनी नहीं पहुंची। इस योजना के तहत ऐसे आदिम जनजातीय समुदाय को सरकारी योजनाओं से लाभान्वित किया जाएगा जो अभी भी शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी और सड़क सहित अन्य मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। प्रधानमंत्री ने इन्हें आदिवासियों में भी सबसे पिछड़े आदिवासी कहकर संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे आदिम जनजातीय लोगों की संख्या देश में लाखों में है। 

पीएम जनमन योजना में 24,000 करोड़ खर्च होंगे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया कि पीएम जनमन योजना के तहत केंद्र सरकार 24,000 करोड़ रुपये खर्च करेगी। इस योजना के तहत सरकार उन आदिवासी भाई-बहनों तक पहुंचेगी जिन तक अभी तक कोई नहीं पहुंचा। उन्होंने कहा कि यह वह जनजातीय समूह हैं जो अभी भी जंगलों में रहने को मजबूर हैं। रेल देखना तो दूर उन्होंने इसकी आवाज तक नहीं सुनी। उन्होंने कहा कि जैसे पिछड़ों में अति पिछड़े होते हैं, वैसे ही ये लोग आदिवासियों में सबसे पीछे रह गए आदिवासी हैं। इन्हें मूलभूत सुविधा नहीं मिली। पक्का मकान नहीं मिली। इन जनजातीय समुदाय की कई पीढ़ियों ने स्कूल नहीं देखा। पिछली सरकारों ने इनके कौशल विकास पर ध्यान नहीं दिया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के बाद कई दशकों तक आदिवासियों को नजरअंदाज किया गया। अटल सरकार में आदिवासी समाज के लिए अलग मंत्रालय बना। अलग से बजट बना। पीएम ने कहा कि हमारे कार्यकाल में आदिवासी कल्याण बजट 6 गुना बढ़ चुका है।

आकांक्षी जिला योजना का इस तरह होगा विस्तार 
पीएम मोदी ने कहा कि 2014 में सरकार बनने के बाद मैंने देश के सबसे निचले पायदान पर खड़े लोगों को अपनी प्राथमिकता बनाया। पीएम ने कहा कि आजादी के दशकों बाद 18 हजार ऐसे गांव तक जहां बिजली नहीं पहुंची। उनको अंधेरे के भरोसे छोड़ दिया गया था। मैंने ऐसे घरों में बिजली पहुंचाने का सार्वजनिक लक्ष्य तय किया था और समय रहते पूरा किया। पीएम ने कहा कि आजादी के बाद 110 जिले ऐसे थे जो शिक्षा, स्वास्थ्य और मूलभूत सुविधाओं के मानक पर दयनीत स्थिति में थे। किसी अधिकारी को सजा देनी होती थी तो उनको इन जिलों में पोस्टिंग मिलती थी। हमने इन्हें आकांक्षी जिला बनाया। शिक्षा, स्वास्थ्य और मूलभूत सुविधाओं में शून्य से शिखर तक पहुंचाया। खूंटी भी उन आकांक्षी जिलों में शामिल है।

उन्होंने कहा कि अब आकांक्षी ब्लॉक का चयन कर योजना का विस्तार किया जाएगा।