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सिक्किम में कैसे आया जलप्रलय, तस्वीरों में कैद तबाही की तस्वीरें; सड़कें बही-पुल ढहे

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उत्तरी सिक्किम के ल्होनक झील के ऊपर बादल फटने से तीस्ता नदी का जलस्तर बढ़ा और फिर ऐसी तबाही हुई कि लोगों की रुह कांप गई। अब तक मिली जानकारी के मुताबिक चुंगथांग बांध से अचानक पानी छोड़े जाने से निचले इलाकों में तकरीबन 20 फीट जलस्तर बढ़ गया। अब तक सेना के 23 जवानों सहित कुल 30 लोगों के लापता होने की सूचना है। सेना का कैंप और वाहन पानी में डूब गए हैं। लापता लोगों की तलाश के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। 

लाचेन घाटी में बढ़ा तीस्ता का जलस्तर
सेना ने आधिकारिक बयान में बताया कि ल्होनक झील के ऊपर बादल फटने से लाचेन घाटी में तीस्ता नदी का जलस्तर बढ़ा जिससे आसपास और निचले इलाकों में पानी भर गया। जलस्तर बढ़ा तो चुंगथांग बांध से पानी छोड़ना पड़ा। फिलहाल बाढ़ अलर्ट जारी किया गया है। निचले इलाकों को खाली कराया जा रहा है। नेशनल हाइवे-10 को काफी नुकसान पहुंचा है जिसे सिक्किम की लाइफ-लाइन कहा जाता है। 

सेना और एनडीआरएफ बचाव कार्य में जुटी
सिक्किम से जो तस्वीरें सामने आई हैं वह खौफनाक है। घरों में पानी घूस गया है। सड़कें बह गई है। कम से कम 6 पुल ढह गए हैं और आवागमन बाधित हो गया है। सेना और एनडीआरएफ की टीम राहत एवं बचाव कार्य में लगी है। तीस्ता नदी उफान पर है। जलस्तर कम होने पर ही नुकसान का ठीक-ठीक अंदाजा लगाया जा सकेगा। 

ममता बनर्जी ने सिक्किम की आपदा पर जताई चिंता
सिक्किम की आपदा पर चिंता जाहिर करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ट्वीट किया। ममता बनर्जी ने कहा कि सिक्किम में बादल फटने से आई बाढ़ में 23 जवानों के लापता होने की खबर चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार सिक्किम की सहायता करेगी। उन्होंने लोगों से कहा कि मौजूदा मौसम में लोगों के अत्यधिक सतर्क रहने की आवश्यक्ता है। उन्होंने कहा कि कलिम्पोंग, दार्जिलिंग और जलपाईगुड़ी जिलों से लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए जरूरी उपाय किए जा रहे हैं।