द फालोअप नेशनल डेस्क
पीएम नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में कहा कि चुनाव में तीसरी बार हारने वालों की पीड़ा समझ में आती है। जानकारों के अनुसार, उनका इशारा कांग्रेस की ओर था लेकिन उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया। इससे पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब दिया। पीएम मोदी ने कहा, "कल और आज कई मान्य सदस्यों ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर अपने विचार व्यक्त किए हैं। विशेष कर जो पहली बार सांसद बनकर हमारे बीच आए हैं और उनमें से कुछ साथियों ने अपने जो विचार व्यक्त किए, संसद के नियमों का पालन करते हुए किए, उनका व्यवहार ऐसा था जैसे एक अनुभवी सांसद का होता है। इसलिए प्रथम बार आने के बावजूद भी उन्होंने सदन की गरिमा को बढ़ाया है।"
तुष्टीकरण नहीं संतुष्टीकरण के विचार को लेकर चले
पीएम मोदी ने कहा, देश ने लंबे अरसे तक देश ने तुष्टीकरण के शासन के मॉडल को देखा और हमने धर्मनिरपेक्षता का जो प्रयास किया वो भी देश ने देखा। हम तुष्टीकरण नहीं संतुष्टीकरण के विचार को लेकर चले हैं। पीएम मोदी ने अपने स्पीच के दौरान कहा, आज मैं राष्ट्रपति के अभिभाषण के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए उपस्थित हुआ हूं। राष्ट्रपति जी ने विकसित भारत के संकल्प को अपने प्रवचन में विस्तार दिया है। मोदी ने कहा, जनता ने हमें दुनिया के सबसे बड़े चुनाव अभियान में चुना है। मैं कुछ लोगों की पीड़ा समझ सकता हूं कि लगातार झूठ चलाने के बावजूद भी उनका घोर पराजय हुआ।
राहुल ने कल की थी हिदुत्व पर टिप्पणी
पीएम मोदी ने कहा, एक जमाना था जब कोयला घोटाले में बड़ों-बड़ों के हाथ काले हो चुके थे और अब कोयले का सबसे ज्यादा उत्पादन हो रहा है। कहा, इसका श्रेय हमारी सरकार को दिया जाना चाहिये। बता दें कि कल संसद में शोर-शराबे के बीच राहुल गांधी ने हिंदुत्व पर बोलते हुए कहा था कि अभयमुद्रा कांग्रेस का प्रतीक है। अभयमुद्रा निर्भयता का संकेत है। आश्वासन और सुरक्षा का संकेत है, जो भय को दूर करता है और हिंदू, इस्लाम, सिख धर्म, बौद्ध धर्म और अन्य भारतीय धर्मों में दैवीय सुरक्षा और आनंद प्रदान करता है। हमारे सभी महापुरुषों ने अहिंसा और भय ख़त्म करने की बात की है। लेकिन, जो लोग खुद को हिंदू कहते हैं वे केवल हिंसा, नफरत, असत्य की बात करते हैं। उनके इस बयान को लेकर आज भी चर्चाओं का बाजार का गर्म है। पीएम मोदी आज अप्रत्यक्ष रूप से इस पर प्रतिक्रिया दी और कहा कि तीसरी बार चुनाव हारने वालों की पीड़ा समझ सकता हूं।