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'सांसदों का निलंबन बनी प्राथमिकता, बहस और चर्चा नहीं'; 78 सदस्यों को सस्पेंड करने पर भड़का विपक्ष

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द फॉलोअप डेस्क:

संसद का शीतकालीन सत्र जारी है। सोमवार को संसद के 78 सांसदों को निलंबित कर दिया गया। इनमें लोकसभा के 33 और राज्यसभा के 34 सांसद शामिल हैं। लोकसभा के 3 और राज्यसभा के 11 सदस्यों के निलंबन के मसले को विशेषाधिकार समिति को भेजा गया है। इन सभी सदस्यों को बचे हुए पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया है। निलंबन के पश्चात सभी सदस्यों ने संसद भवन की सीढ़ियों पर बैठकर केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। सांसदों के निलंबन पर विपक्ष ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी, शिवसेना (उद्धव ठाकरे) की प्रियंका चतुर्वेदी, रंजीत रंजन सहित कई सांसदों ने इसे लोकतंत्र के लिए काला दिन बताया है। विपक्ष ने इसे विपक्ष की आवाज दबाने की कोशिश करार दिया है। 

 

सभी पार्टियों ने निलंबन का जताया विरोध
78 सांसदों के निलंबन पर टीएमसी प्रमुख सह पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि सामूहिक रूप से सदस्यों को निलंबित करना समझ से परे है। यदि उनको लगता है कि संसद सर्वोच्च है तो फिर डर किस बात का है। यदि वे सभी सदस्यों को निलंबित कर देंगे तो चर्चा आगे कैसे बढ़ेगी। वे 3 महत्वपूर्ण बिल पास करना चाहते हैं। लोकतंत्र में एक तय प्रणाली है। ऐसे निलंबित किए गए तो सांसद लोगों की आवाज कैसे उठाएंगे। सरकार ऐसा करके करोड़ों लोगों की आवाज को घुट देना चाहती है।


शिवसेना (उद्धव ठाकरे) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि यह अत्याचार नहीं चलेगा। यह देश को स्वीकार्य नहीं है। सरकार ने बीजेपी को जनादेश दिया था क्योंकि राष्ट्रीय सुरक्षा सर्वोपरि होने की बात कही जाती थी लेकिन देश की सबसे सुरक्षित इमारत पर हमला किया गया। पीएम और गृहमंत्री ने चुप्पी साध रही है। जवाब मांगते हैं तो हमें निलंबित कर दिया जाता है। 

सत्तारूढ़ बीजेपी ने निलंबन के फैसले को सही ठहराते हुए तर्क पेश किया है। सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने कहा कि विपक्ष के उन सांसदों को इसलिए निलंबित किया गया क्योंकि वे लगातार सदन में विरोध प्रदर्शन रहे थे। प्लेकार्ड दिखा रहे थे। सदन को चलने नहीं दे रहे थे। स्पीकर ने कई बार उनसे ऐसा नहीं करने का अनुरोध किया लेकिन वह नहीं माने। मजबूरन यह पैसला लेना पड़ा। बीजेपी सांसद पीयूष गोयल ने कहा कि 34 सांसदों को निलंबित कर दिया गया है। 11 सांसदों का मामला विशेषाधिकार समिति के पास है। पीयूष गोयल ने कहा कि विपक्ष नहीं चाहता कि सदन सुचारू रूप से चले। विपक्ष पूर्व नियोजित रणनीति के तहत आया था। 

तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि बीजेपी संसदीय लोकतंत्र को दबाना चाहती है। विपक्ष की आवाज को दबाने का प्रयास किया जा रहा है। कल इंडिया गठबंधन की बैठक में चर्चा होगी। सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि उक्त घटना ने इंडिया गठबंधन के सहयोगियों को एक-दूसरे के साथ आने का बहाना दिया है। उन्होंने कहा कि कल की बैठक में इस पर चर्चा होगी। 

कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन ने कहा कि बीजेपी सरकार चाहती है कि सदन बिना किसी विरोध के काम करे। केंद्र सरकार चाहती है कि सदन में सवाल पूछने या उनकी गलतियां बताने के लिए कोई मौजूद ही न रहे। रंजीत रंजन ने केंद्र सरकार पर हिटलरशाही का आरोप लगाया।  कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने कहा कि सदन में केवल विपक्ष की आवाज दबाई जा रही है। ज्यादा से ज्यादा लोगों को निलंबित किया जा रहा है। संसद विपक्ष सांसदों के निलंबन के लिए रह गया है न कि बहस और चर्चा के लिए।