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सियासी पार्टियां ही नहीं, झारखंड में नक्सली भी बना रहे हैं चुनावी रणनीति; अलर्ट पर पुलिस

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द फॉलोअप डेस्क 

झारखंड में लोकसभा और विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सिर्फ सियासी पार्टियां ही नहीं, बल्कि अल-अलग जिलों में फैले माओवादी भी रणनीति बना रहे हैं। इस सूचना के बाद झारखंड के दो जिलों की पुलिस को अलर्ट कर दिया गया है। ये दो जिले हैं प सिंहभूम और सरायकेला-खरसांवा। मिली खबर में बताया गया है नक्सली ओडिशा, झारखंड औऱ पं बंगाल में अपने रेड जोन को फिर से सक्रिय करने की कोशिश में हैं। रेड जोन वाले कई स्थानों पर नक्सली मीटिंग कर रहे हैं। खबर के मुताबिक रेड जोन में ही किसी स्थान पर नक्सली चुनाव से पहले महाजुटान की तैयारी कर रहे हैं। इसके लिए तीनों राज्य के माओवादियों से संपर्क किया जा रही है। इसमें चुनावों को प्रभावित करने की नीति पर विचार किया जायेगा। 

खत्म हो चुका है जनाधार

बता दें कि 24 नवंबर 2011 के दिन माओवादियों के शीर्ष नेता किशन जी उर्फ कोटेश्वर राव को पुलिस ने एक ऑपरेशन के दौरान मार गिराया था। इसके बाद से झारखंड में नक्सलियों की कमर टूटी हुई है। किशन जी के नहीं रहने से रेड जोन वाले इलाके में नक्सलियों के आधार पर असर पड़ा है। इसमें झारखंड और प बंगाल, दोनों राज्यों के रेड जोन इलाके हैं। एंटी नक्सल और ऑपरेशन ग्रीन हंट के कारण भी नक्सलियों को राज्य में पांव पसारना अब आसान नहीं रह गया है। फिर भी चुनाव को देखते हुए वे पुलिस की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार हो रहे हैं।  

कोल्हान में कर रहे कैंप 

एक अन्य खबर में बताया गया है कि भाकपा माओवादी की केंद्रीय समिति के कई टॉप नेता इन दिनों कोल्हान में बैठकें कर रहे हैं। इनमें एक करोड़ के चार इनामी माओवादी नेता भी शामिल हैं। इसमें असीम मंडल, मिसिर बेसरा, पतिराम माझी और प्रयाग माझी सरीखे हार्डकोर माओवादी नेता हैं।  माओवादी नेता प्रशांत बोस और शीला मरांडी को हाल ही में पुलिस ने अरेस्ट किया है। इससे कोल्हान में माओवादी गतिविधियां शिथिल हो गयी थीं। लेकिन अब यहां माओवादी फिर से सक्रिय हो रहे हैं। वे ग्रामीँणों पर संगठन को समर्थन देने के लिए दबाव बना रहे हैं।