द फॉलोअप नेशनल डेस्क
कांवर रूट में दुकानों पर नेमप्लेट लगाने का विवाद अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। दूसरी ओर बिहार में दुकानदार दुकानों पर अपना नाम या पहचान नहीं लिखेंगे। बिहार में बीजेपी और कुछ धार्मिक संगठनों ने मांग की थी कि राज्य में भी यूपी की तरह कांवर रूट पर दुकानदार अपनी पहचान और नाम लिखें। लेकिन अब ये फैसला वापस ले लिया गया है। बिहार सरकार में बीजेपी कोटे से मंत्री नितिन नवीन स्पष्ट किया है कि राज्य में कांवड़ यात्रा के रूट पर दुकानों पर नेमप्लेट नहीं लगाई जाएंगी। कहा कि अगर ऐसा करना भी है तो इसके लिए वैधानिक प्रक्रिया से गुजरना होगा।
सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला
इधर दुकानों पर नेमप्लेट लगाने के यूपी की योगी सरकार के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गयी है। एक गैर सरकारी संगठन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सोमवार को सुनवाई करेगा। बता दें, उसी दिन से सावन माह की शुरुआत होने जा रही है। योगी सरकार के आदेश के अनुसार, पूरे प्रदेश में कांवड़ यात्रा मार्ग पर पड़ने वाली खाने-पीने की दुकानों के बाहर दुकानदार का नाम लिखा जाए। सरकार का कहना है कि कांवरियों की शुचिता का ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है।
एनडीए के सहयोगियों ने किया विरोध
बता दें कि चिराग पासवान की लोजपा, नीतीश कुमार के जदयू के बाद अब RLD के प्रमुख जयंत सिन्हा ने यूपी में दुकानों के साइनबोर्ड पर नाम लिखने का विरोध किया है और योगी सरकार को अपना फैसला वापस लेने की मांग की है। सरकारी आदेश के विरोध में बयान देने वाले जयंत सिन्हा तीसरे नेता हैं, जो केंद्र की एनडीए सरकार के सहयोगी दल हैं। मिली खबर के मुताबिक बीजेपी के सहयोगी दल RLD के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी ने कांवड़ मार्ग पर दुकानों पर नाम लिखने के सरकारी आदेश का खुला विरोध किया है। जयंत ने योगी सरकार से फैसला वापस लेने की मांग की। उनसे पहले योगी सरकार के इस फैसले का विरोध नीतीश कुमार की पार्टी जदयू और चिराग पासवान भी कर चुके हैं।