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तेलंगाना का CM बननेवाले कांग्रेस के रेवंत रेड्डी को कितना जानते हैं आप, कभी ABVP से जुड़े थे

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द फॉलोअप डेस्क 

कांग्रेस की ओऱ से तेलंगाना के CM के रूप में रेवंत रेड्डी के नाम पर मुहर लग चुकी है। वे कल यानी 7 दिसंबर को तेलंगाना के CM पद की शपथ लेंगे। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं आज कांग्रेस का बड़ा चेहरा बन चुके रेड्डी कभी BJP के छात्र संगठन ABVP से जुड़े रहे है। 1969 में आंध्रप्रदेश के महबूब नगर में जन्म लेनेवाले कांग्रेस के CM का पूरा नाम अनुमुला रेवंत रेड्डी है। छात्र जीवन से उन्होंने ही राजनीतिक गतिविधियों में हिस्सा लेना शुरू कर दिया था। उन्होंने कॉलेज की पढ़ाई उस्मानिया विश्वविद्यालय से की है। उस्मानिया में पढ़ाई के दौरान वे ABVP के सक्रिय नेता थे। ABVP से मोह भंग होने के बाद उन्होंने चंद्रबाबू नायडू की तेलुगू देशम पार्टी से नाता जोड़ा। TDP से ही रेड्डी मुख्यधारा की राजनीति में आये।    

2009 में पहली बार आये चुनावी मैदान में 

साल 2009 के विधानसभा चुनाव में TDP ने उनको कोडांगल विधानसभा से अपना उम्मीवार बनाया। इसमें वे विजयी भी रहे। पार्टी में उनका कद लगातार बढ़ता गया। इससे प्रभावित हो कर उनको 2014 में तेलंगाना विधानसभा में TDP की ओऱ से सदन का नेता चुना गया। लेकिन 2017 में TDP से मतभेद के बाद उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया। ये निर्णय उनके राजनीतिक जीवन के लिए तब बहुत शुभ नहीं माना गया। क्योंकि 2018 के विधानसभा चुनाव में वे टीआरएस उम्मीदवार से हार गये। बता दें कि 2018 का तेलंगाना विधानसभा चुनाव एक साल पहले कराया गया था। केसीआर सरकार ने विधानसभा को समय से पहले भंग कर दिया था।  

2021 में तेलंगाना के कांग्रेस  प्रदेश अध्यक्ष पद बने
विधानसभा का चुनाव हारने के बाद भी रेवंत रेड्डी का कद कांग्रेस में लगातार बढ़ता रहा। इसी का परिणाम था कि साल 2019 के आम चुनाव में उनको कांग्रेस ने मलकाजगिरि से अपना उम्मीदवार बनाया। इसमें उन्होंने जीत भी दर्ज की। इस जीत से प्रभावित होकर पार्टी ने उनको 2021 में तेलंगाना के प्रदेश अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी। इस बार यानी 2024 के विधानसभा चुनाव की जिम्मेवारी उन्हीं के कंधों पर थी। इसमें कांग्रेस को सफलता भी मिली। विधानसभा चुनाव के दौरान वे जब भी कार्यकर्ताओं के बीच गये, उनके नाम से CM- CM के नारे लगे। ये नारे कई बार उस समय भी लगे जब रेड्डी राहुल गांधी या प्रियंका गांधी के साथ चुनावी सभाओं को संबोधित कर रहे थे। तेलंगाना में चुनाव के दौरान ही उनको CM पद का सबसे बड़ा चेहरा माना जाने लगा था।