द फॉलोअप टीम
कर्नाटक में राम मंदिर कारसेवकों के खिलाफ दर्ज मुकदमे की फाइल फिर से खुल गयी है। दरअसल राम मंदिर आंदोलन के समय एक दुकान में आग लगाने के आरोप में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। इस आरोपी का नाम श्रीकांत पुजारी है। ये गिरफ्तारी हुबली पुलिस ने की है। खबर है कि कर्नाटक पुलिस राम मंदिर आंदोलन से जुड़े कारसेवकों के खिलाफ दर्ज मुकदमों की लिस्टिंग कर रही है। बता दें कि ये सब ऐसे समय में हो रहा है जब 22 जनवरी को राम मंदिर का उद्घाटन पीएम नरेंद्र मोदी के हाथों होना है। वहीं, राम मंदिर कारसेवकों से जुड़ा ये मामला 1992 का है। इससे आरएसएस और विश्व हिंदू परिषद जैसे हिंदू संगठनों में आक्रोश है।
क्या है मामला
कर्नाटक पुलिस के मुताबिक दिसंबर 1992 में जब देश भर से कारसेवक अयोध्या जा रहे थे, उसी समय राज्य में दंगे हुए थे। राज्य का हुबली जिला भी दंगे की चपेट में आ गया था। इस दौरान कारसेवकों पर दंगा फैलाने, तोड़फोड़ करने और हिंसा को हवा देने का आरोप लगा था। सैंकड़ों लोगों को इस मामले में आरोपी बनाकर कई केस दर्ज किये गये हैं। कई मामले आज भी लंबित हैं। इसी में एक मामला हुबली जिले का है। यहां एक अल्पसंख्यक की दुकान में कारसेवकों पर आग लगाने का आरोप है। इसी मामले में हुबली पुलिस ने आरोपी श्रीकांत पुजारी को गिरफ्तार किया है। पुजारी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
300 आरोपियों की लिस्ट है पुलिस के पास
मिली खबर में बताया गया है कि हुबली पुलिस के पास दंगा फैलाने के आरोपी 300 लोगों के लिस्ट है। इन सभी पर 1992 और 1996 के बीच राज्य में दंगा फैलाने आरोप है। हालांकि बीजेपी की सरकार के समय अधिकतर मुकदमों को निरस्त कर दिया गया था। लेकिन कुछ मामले लंबित रह गये थे। अब आरएसएस और विश्व हिंदू परिषद में इस बात को लेकर आक्रोश है। इनमें से कई आरोपियों की उम्र अब 70 के पार हो चुकी है और कई आरोपी बीजेपी के बड़े नेता बन चुके हैं। बहरहाल, दुकान जलाने के आरोपी की गिरफ्तारी के बाद राज्य में एक बार फिर से राम मंदिर से जुड़ी सियासत को हवा मिलने लगी है।