डेस्क:
केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में जारी ताजा हालात को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने उच्चस्तरीय बैठक बुलाई। बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, आर्मी चीफ जनरल मनोज पांडेय, केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला और जम्मू कश्मीर के लेफ्टिनेंट गर्वनर मनोज सिन्हा ने भी शिरकत की। मीटिंग में जम्मू-कश्मीर में जारी टार्गेट किलिंग पर चर्चा हुई। साथ ही मौजूदा समय में जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा चुनौतियों पर भी चर्चा की गई।
Amit Shah holds high-level security meet on J-K
— ANI Digital (@ani_digital) June 3, 2022
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सीआरपीएफ और बीएसएफ भी शामिल
केंद्रीय गृहमंत्री द्वारा बुलाई गई उच्चस्तरीय बैठक में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के डीजीपी कुलदीप सिंह, सीमा सुरक्षा बल के डीजीपी पंकज सिंह औऱ जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीजीपी दिलबाग सिंह सहित कई अन्य सैन्याधिकारियों ने हिस्सा लिया।
घाटी में लगातार जारी टार्गेटेड किलिंग
मिली जानकारी के मुताबिक बैठक का आयोजन मई महीने में घाटी में 3 नागरिकों और सुरक्षाबल के 2 जवानों की हत्या के सिलसिले में मीटिंग का आयोजन किया गया था। दरअसल, बीते कुछ समय से जम्मू-कश्मीर में कश्मीरी पंडितों, हिंदुओं और प्रवासी श्रमिकों को लक्ष्य करके उनकी हत्या की जा रही है। इसे लेकर कश्मीरी पंडितों ने श्रीनगर में विरोध प्रदर्शन भी किया था।
कश्मीरी पंडितों को बनाया जा रहा निशाना
अभी हाल ही में कुलगाम जिले में हाईस्कूल टीचर और प्रवासी कश्मीरी पंडित 36 वर्षीय रजनी बाला की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। यही नहीं, आतंकियों ने बडगाम जिले के चदोरा इलाका स्थित मागरायपोरा में एक प्रवासी श्रमिक की हत्या कर दी, वहीं गोलीबारी में दूसरा प्रवासी श्रमिक घायल हो गया। इस महीने की शुरुआथ में आतंकियों ने सरकारी कर्मचारी कश्मीरी पंडित राहुल भट्ट को गोली मार दी, वहीं सुरक्षा में तैनात एक पुलिसकर्मी को भी गोली मार दी।
टार्गेट किलिंग का सिलसिला कब शुरू हुआ!
गौरतलब है कि कश्मीर में टार्गेट किलिंग का ये सिलसिला 5 अगस्त 2019 से ही शुरू हुआ जब घाटी में अनुच्छेद-370 हटा लिया गया। सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि आतंकियों ने बड़ी वारदातों को अंजाम देने की बजाय छोटे-छोटे टार्गेटेड हमले करने शुरू कर दिए।
इससे घाटी में ये विश्वास बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है कि भारत सरकार उनकी सुरक्षा नहीं कर सकती। आतंकियों ऐसे में सुरक्षाबलों के साथ आमने-सामने की मुठभेड़ से भी बच जाते हैं।