डेस्क:
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में नेशनल ट्राइबल रिसर्च इंस्टीट्यूट का उद्घाटन किया। इस इंस्टीट्यूट के जरिए देशभर के आदिवासियों की संस्कृति और विरासत का संरक्षण और संवर्धन किया जाएगा। ये देशभर में आदिवासियों के बारे में शोध का प्रमुख केंद्र होगा। यहां आदिवासियों के कार्यकारी तथा विधायकी संस्थाओं के विषय में अध्ययन भी किया जायेगा।
मोदी सरकार विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से जनजातीय समुदाय की वैभवशाली संस्कृति, कला, भाषाओं, साहित्य के संरक्षण के साथ उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए कार्यरत है।
— Amit Shah (@AmitShah) June 7, 2022
दिल्ली में NTRI की स्थापना @narendramodi जी की जनजातीय कल्याण के प्रति कटिबद्धता को दर्शाती है। pic.twitter.com/OjOnIHgy7e
पीएम मोदी का विजन अस्तित्व में आया
नेशनल ट्राइबल रिसर्च इंस्टीट्यूट का उद्घाटन करते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि आज का दिन काफी महत्वपूर्ण है। पीएम मोदी के विजन के मुताबिक नेशनल ट्राइबल रिसर्च इंस्टीट्यूट आखिरकार अस्तित्व में आया। हो सकता है कि हमें लगे कि बाकी तमाम संस्थाओं की तरह ये भी एक संस्था है लेकिन इस तरह के इंस्टीट्यूट की भूमिका राष्ट्र निर्माण में हो सकती है। कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान गृहमंत्री ने इस इंस्टीट्यूट के महत्व पर भी प्रकाश डाला।
जनजातीय समाज के कल्याण और उन्हें विकास की मुख्यधारा में जोड़ना @narendramodi जी की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है।
— Amit Shah (@AmitShah) June 7, 2022
आज दिल्ली में राष्ट्रीय जनजातीय अनुसंधान संस्थान का उद्घाटन किया। यह संस्थान जनजातीय समाज की विविधताओं को एक सूत्र में पिरोकर उनके समग्र विकास में अहम भूमिका निभाएगा। pic.twitter.com/3trhnVCJOs
किस आधार पर काम करेगा ये इंस्टीट्यूट
बताया गया है कि नेशनल ट्राइबल रिसर्च इंस्टीट्यूट देश के बाकी प्रतिष्ठित शैक्षिक तथा शोध संस्थानों के साथ भागीदारी करके काम करेगा ताकि अपेक्षित परिणाम मिलें। ये इंस्टीट्यूट ट्राइबल रिसर्च इंस्टीट्यूट के कार्यों तथा प्रोजेक्ट्स की निगरानी करेगा। यही नहीं, इस संस्थान का जिम्मा सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (CoEs) और एनएफएस के कार्यों की निगरानी भी होगी।
ट्राइबल रिसर्च इंस्टीट्यूट की जिम्मेदारियां
इस संस्थान की जिम्मेदारी होगी कि वो जनजातीय मामलों से जुड़े मंत्रालय को पॉलिसी मेकिंग में जरूरी इनपुट्स दे। साथ ही राज्यों में स्टेट वेलफेयर डिपार्टमेंट को स्टडी और प्रोग्राम डिजाइनिंग में मदद करे ताकि सामाजिक-आर्थिक दृष्टिकोण से आदिवासियों की जीवनशैली में अपेक्षित सुधार लाया जा सके। ट्राइबल म्यूजियम के संचालन से संबंधित गाइडलाइन जारी करने का जिम्मा भी नेशनल ट्राइबल रिसर्च इंस्टीट्यूट का होगा। ये सब एक छत के नीचे हो सकेगा जो फायदेमंद होगा।
कार्यक्रम के दौरान कौन-कौन हुआ शामिल
कार्यक्रम के दौरान जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा और कानून एवं न्याय मंत्री किरेन रिजिजू सहित कई नेता और मंत्री मौजूद थे। कार्यक्रम को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह सहित अर्जुन मुंडा और किरेन रिजिजू ने भी संबोधित किया।