द फॉलोअप डेस्क, नेशनल
सुप्रीम कोर्ट ने धरने पर बैठे किसानों के साथ बातचीत के लिए एक हाई पावर कमेटी का गठन किया था। किसान संगठनों ने इसमें हिस्सा लेने से मना कर दिया है। किसान संगठन केंद्र सरकार से ही बातचीत की मांग कर रहे हैं, और उनका कहना है कि यह मामला अदालतों से बाहर है। इस वजह से वे सुप्रीम कोर्ट की गठित कमेटी से बातचीत करने को तैयार नहीं हैं। किसानों द्वारा हाई पावर कमेटी के विरोध के बाद इस बैठक को स्थगित कर दिया गया है।
बता दें कि हाई पावर कमेटी ने एक बार फिर किसान संगठनों को बैठक के लिए बुलाया है। जो शनिवार को पंचकूला में प्रस्तावित थी, लेकिन किसान नेताओं ने साफ कहा कि वे इस बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे। उनका मानना है कि यह बैठक किसान आंदोलन में फूट डालने के लिए बुलाई गई है। किसानों ने कहा कि कमेटी पहले ही अपनी सिफारिशें सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत कर चुकी है। इसके अलावा किसानों ने कमेटी के नियमों और शर्तों को भी अस्वीकार कर दिया है।
खनौरी बॉर्डर पर 4 जनवरी को किसान महापंचायत का आयोजन
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने यह भी कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बताया कि केंद्र सरकार ने जगजीत सिंह डल्लेवाल को चिकित्सा सुविधा देने के लिए अर्धसैनिक बल और एयर एम्बुलेंस का प्रस्ताव दिया था, लेकिन किसान इससे सहमत नहीं हैं। डल्लेवाल जो आमरण अनशन पर हैं, किसी भी प्रकार की चिकित्सा सुविधा लेने को तैयार नहीं हैं। बता दें कि खनौरी बॉर्डर पर 4 जनवरी को होने वाली किसान महापंचायत को लेकर तैयारी की जा चुकी हैं। मोर्चा के नेता अन्य राज्यों से आए किसान नेताओं के साथ बैठक भी कर चुके हैं। किसानों ने कहा कि महापंचायत में देश भर से करीब दो लाख से अधिक किस पहुंचेंगे।