द फॉलोअप डेस्क
सुप्रीम कोर्ट ने किसान आंदोलन को गैरकानूनी बताने वाली याचिका को खारिज करत हुए इस पर सुनवाई से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि याचिकाकर्ता को मालूम होना चाहिये कि इस मामले की सुनवाई पंजबा और हरियाणा के हाईकोर्ट में चल रही है। इसलिए याचिकाकर्ता को इसी कोर्ट से संपर्क करना चाहिये। सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि अगर यहां इस मामले की सुनवाई होती है तो इस दिशा में हाईकोर्ट की कार्रवाई में शिथिलता आ सकती है। याचिकाकर्ता से कोर्ट ने कहा, आप इस मामले में समानांतर कार्रवाई क्यों चाहते हैं।
10 मार्च को कर चुके हैं रेल का चक्का जाम
बता दें कि 10 मार्च को किसान आंदोलन में शामिल संगठनों ने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत रेल रोको अभियान शुरू कर दिया था। किसान नेताओं ने 12 बजे से शाम 4 बजे तक देश स्तर पर रेल का चक्का किया। इस बीच संयुक्त किसान मोर्चा के नेता सरवन पंढ़ेर ने इस दौरान लोगों से यात्रा ने करने की अपील की थी। वहीं, हरियाणा पुलिस ने लोगों से रेल रोको अभियान में शामिल नहीं होने के लिए कहा। कहा है कि राज्य में पहले से धारा 144 लगा दी गयी है। ऐसे में कोई कानून का उल्लंघन करता पकड़ा जाता है, तो उस पर कड़ी कार्रवाई होगी। एक अन्य खबर के मुताबिक रेल रोको अभियान में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हुई हैं।
इन स्थानों पर भी लगा है जमावड़ा
वहीं, किसान आंदोलनारी आज भी शंभू और खनौरी बॉर्डर पर जमे हुए हैं। इनके साथ महिला किसानों के भी आंदोलन में शामिल होने की सूचना है। इसी के साथ किसान दिल्ली पहुंचने वाली सीमाओं पर भी अलग-अलग स्थानों पर जमा हो रहे हैं। मिली खबर के मुताबिक किसान दिल्ली कूच करने की रणनीति पर विचार कर रहे हैं। दिल्ली के रामलीला मैदान में किसानों का 14 मार्च को महापंचायत करने का कार्यक्रम है। किसान नेताओं ने कहा है कि वे सरकार के साथ टकराव नहीं चाहते हैं। वे शांतिपूर्वक आंदोलन को आगे बढा चाहते हैं। वहीं, आंदोलन में शामिल संगठनों ने कहा है कि वे एमएसपी से कम किसी भी शर्त पर मानने को तैयार नहीं हैं।
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