द फॉलोअप डेस्क
किसान आंदोलन (Farmers Movement) के आज चौथे दिन भी प्रदर्शन कर रहे किसानों को दिल्ली कूच नहीं करने दिया गया। इससे गुस्साये किसानों ने पंजाब में रेल रोको आंदोलन की शुरुआत कर दी है। खबर है कि दिल्ली नहीं कूच कर पाये किसान राजपुरा में रेलवे ट्रैक पर धरने पर बैठ गये हैं। इससे ट्रेनों का परिचालन बंद हो गया है। रेल अधिकारियों की समझाने और आरपीएफ की तैनाती के बावजूद रेलों का परिचालन शुरू नहीं किया जा सका है। वहीं, एक अन्य खबर के मुताबिक चंडीगढ़ और अंबाला के बीच बने एक टोल प्लाजा को किसानों ने फ्री कर दिया है। किसानों ने कहा है कि आंदोलनकारियों पर आंसू गैस और लाठीचार्ज के खिलाफ रेलवे ट्रैक को जाम कर दिया गया है।
पुलिस के साथ किसानों की हो चुकी है झड़प
कल 16 फरवरी को, आंदोलनकारी किसान और पुलिस में हिंसक झड़प हुई है। किसान नेता सरवन पंढेर ने आरोप लगाया कि पुलिस ने शंभू बोर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों पर असली गोलिया चलाईं। वहीं, पुलिस ने इस आरोप से इनकार किया है। आंदोलनकारी किसानों ने कहा है कि पंजाब-हरियाणा सीमा पर पुलिस ने पाकिस्तानी सीमा पर के जैसी घेराबेंदी कर दी है। सरवन पंढेर ने केंद्र सरकार पर भी आरोप लगाते हुए कहा कि किसान आंदोलकारियों को खालिस्तान समर्थक बताकर आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश हो रही है। इधर, केंद्र सरकार के सूत्रों ने कहा है कि किसान आंदोलन के नाम पर कुछ उपद्रवी हिंसा फैलाने का काम कर रहे हैं। पुलिस ऐसे तत्वों से सख्ती के साथ निपटेगी।
आज होनी है वार्ता
इधर, किसान प्रदर्शनकारियों की केंद्र सकार के साथ आज तीसरी बार वार्ता होनी है। इसमें किसानों की ओऱ पंजाब किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंढेर शामिल होंगे। वहीं केंद्र सरकार की ओऱ से मंत्री अर्जुन मुंडा और पीयूष गोयल वार्ता में शामिल हो सकते हैं। हालांकि इन दोनों मंत्रियों के वार्ता में शामिल होने की अभी तक अधिकारिक पुष्टि नहीं हो पायी है। दूसरी पंढेर ने मीडिया को बताया कि अगर सरकार कोई हल निकालती है, तो हम इसका स्वागत करेंगे। कहा कि हम सरकार के साथ टकराव नहीं चाहते हैं। किसानों को उनकी मेहनत की पूरी कीमत मिले, हम यही चाहते हैं। निश्तिच तौर उनका इशारा एमएसपी की ओऱ था।