द फॉलोअप डेस्क
केंद्र सरकार ने आंदोलनकारी किसानों को 4 फसलों पर एमएसपी (MSP) देने का प्रस्ताव दिया है। लेकिन फिलहाल किसान सभी फसलों पर एमएसपी की मांग पर अड़े हुए हैं। इस बीच किसान नेता सरवन पंढेर ने कहा है कि उनको सोचने के लिए कम से दम 2 दिन का समय चाहिये। पंढेर ने कहा कि वे आंदोलन में शामिल अन्य संगठन व नेताओं से सरकार के प्रस्ताव पर चर्चा करेंगे। इसके बाद किसी निर्णय पर पहुंचा जा सकता है। बता दें कि किसानों और केंद्र सरकार के बीच ये चौथे दौर की वार्ता थी। इसमें केंद्र की ओऱ से कैबनेट मंत्री पीयूष गोयल शामिल हुए। मिली खबरों के मुताबिक किसान सरकार को प्रस्ताव पर कल यानी 20 फरवरी को अपना फैसला सुना सकते हैं। बहरहा, खबर लिखने तक पंजाब और हरियाणा में आंदोलन जारी है। किसान जगह-जगह प्रदर्शन कर रहे हैैं और दिल्ली कूच करने की तैयारी में हैं।
इन फसलों पर सरकार MSP के लिए तैयार
किसानों से वार्ता के बाद पीयूष गोयल ने कहा कि केंद्र सरकार मक्का, कपास, उड़द और अरहर पर एमएसपी देने के लिए तैयार है। शेष फसलों के बारे में भी केंद्र विचार कर रहा है। गोयल ने कहा कि किसान अगर सरकार का ये प्रस्ताव मान लेते हैं तो अगले पांच साल तक इन चार फसलों की खरीदारी के लिए अलग से सहकारी सभाओं का गठन किया जायेगा। कहा कि नई दर पर फसलों की खरीदारी के लिए एनसीसीएफ और नैफेड से अनुबंध किया जायेगा। ताकि किसानों को किसी तरह परेशानी न हो और खरीदारी का काम पूरी पारदर्शिता के साथ हो सके।
क्या है किसानों की मांगें
लगभग सप्ताह दिन से आंदोलन कर रहे किसानों की सबसे प्रमुक मांग एमएसपी की गारंटी है। इसी के साथ किसान पेंशन और कर्ज माफी की मांग भी कर रहे हैं। हालांकि सरकार की ओर से आंदोलन को लेकर अभी तक कोई नरमी नहीं दिखी है। बल्कि केंद्र सरकार की ओऱ से कहा गया है कि किसान आंदोलन के नाम पर उपद्रव फैलाने की कोशिश को नाकाम किया जायेगा। उपद्रव फैलाने वालों की पहचान कर कार्रवाई की जायेगी। दूसरी ओऱ किसानों ने भरोसा जताया है कि सरकार के साथ बातचीच में कोई न कोई हल जरूर निकलेगा।