द फॉलोअप डेस्क
किसान आंदोलन (Farmer Movement) के आज तीसरे दिन किसान नेता सरवन पंढेर ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि किसान आंदोलकारियों को खालिस्तान समर्थक बताकर आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश हो रही है। बता दें कि केंद्र सरकार की ओर से दो दिन पहले ही किसान आंदोलन के कथित नेताओं को चेतावनी दी गयी है। केंद्र सरकार के सूत्रों ने कहा है कि किसान आंदोलन के नाम पर कुछ उपद्रवी हिंसा फैलाने का काम कर रहे हैं। पुलिस ऐसे तत्वों से सख्ती के साथ निपटेगी। ऐसे लोगों की पहचान करने की कोशिश की जा रही है। इसी के साथ किसान नेताओं पर खालिस्तान समर्थक होने का भी आरोप लगाया गया।
क्या कहा पंढेर ने
किसानों के दिल्ली कूच करने के प्रयासों के बीच किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने शंभू सीमा पर पत्रकारों से बताया कि कहा कि किसान यहां यहां सरकार के साथ टकराव पैदा करने के लिए नहीं आए हैं। आंदोलन में शामिल किसानों के बारे में लगातार गलत धारण फैलाई जा रही है। हम पर हिंसक औऱ खालिस्तानी समर्थक होने के आरोप लगाये जा रहे हैं। हमें इस पर आपत्ति है। सरकार बजाये हमारी जायज मांगों पर ध्यान देने के आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश कर रही है।
शंभू बार्डर पर रोका गया किसानों को
इधर दिल्ली कूच करने के प्रयास में लगे किसानों को हरियाणा और पंजाब से लगी सभी सीमाओं पर रोक लिया गया है। पुलिस ने इसके लिए लोहे और कंक्रिट की बैरेकेडिंग के साथ सड़कों पर कील तक बिछाने का काम किया है। वहीं कल दिल्ली सीमा में प्रवेश कर रहे किसानों पर पुलिस की ओऱ से आंसू गैस के गोले छोड़े गये। गैस के गोले छोड़ने के लिए पुलिस ने ड्रोन का सहारा लिया और किसानों की भीड़ पर उपर से आंसू गैस के गोले छोड़े गये। वहीं, कुछ स्थानों पर किसानों और पुलिस बल के बीच झडप की भी खबर है।