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महाराष्ट्र : 12 सांसदों के साथ लोकसभा स्पीकर से मिले एकनाथ शिंदे, शिवसेना पर ठोका दावा

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डेस्क: 

महाराष्ट्र (Maharashtra ) में बीजेपी के साथ मिलकर महाविकास अघाड़ी (Mahavikas Aghadi) सरकार गिराने वाले एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने अब शिवसेना (Shiv Sena ) पर भी दावा पेश किया है। बुधवार को एकनाथ शिंदे ने शिवसेना के 12 सांसदों के साथ लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला (Speaker Om Birla) से मुलाकात की। एकनाथ शिंदे ने लोकसभा स्पीकर के सामने सांसदों की परेड कराते हुए दावा किया है कि पार्टी के 19 में से 18 सांसदों का समर्थन उनको हासिल है।

गौरतलब है कि लंबे सियासी हलचल के बाद 30 जून को शिवसेना से बगावत करने वाले एकनाथ शिंदे ने बीजेपी के साथ मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बना ली। अब पार्टी पर भी दावा किया है। 

उद्धव ठाकरे ने पार्टी पदाधिकारियों की बैठक बुलाई
इश बीच मुंबई में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों की बैठक बुलाई। महानगरपालिका अध्यक्षों को भी इस बैठक में शामिल होने का निर्देश दिया गया। बता दें कि विधायकों की बगावत के बाद 29 जून को उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। इधर, दिल्ली में स्पीकर ओम बिड़ला से मुलाकात करने से पहले मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने गृहमंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) से मुलाकात की। खबरें है कि एकनाथ शिंदे अपने गुट के नेताओं के साथ चुनाव आयोग जाएंगे और शिवसेना पर दावा पेश करेंगे। 

केंद्र सरकार ने शिवसेना के 12 सांसदों को दी सुरक्षा
खबरें हैं कि शिवसेना के 12 सांसदों को केंद्र सरकार ने वाई+ श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की है। रिपोर्ट्स के मुताबिक शिवसेना के कम से कम 12 सांसद अलग गुट होने का दावा पेश कर सकते हैं। हो सकता है कि ये सांसद प्रधानमंत्री से भी मुलाकात करें। 20 जुलाई को महाराष्ट्र के सियासी संकट पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। चीफ जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस कृष्ण मुरारी और हेमा कोहली की बेंच उद्धव खेमे औऱ एकनाथ खेमे की याचिका पर सुनवाई करेगी। \

चुनाव आयोग से मिलकर पार्टी पर दावा करेंगे शिंदे
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का दावा है कि शिवसेना के 55 में से 40 विधायक और 19 में से 13 सांसद मूल पार्टी यानी उद्धव गुट से अलग हो गये हैं। बागी गुट के विधायकों तथा सांसदों की संख्या के आधार पर एकनाथ शिंदे का दावा है कि उनके पास दो तिहाई जनप्रतिनिधि हैं। दावा है कि वे ही असली शिवसेना हैं। इसी शिवसेना को चुनाव आयोग से मान्यता मिलनी चाहिये।