रांची
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आवासीय कार्यालय में आज एक अहम बैठक हुई। इसमें राजस्व संग्रहण, 28 दिसंबर- 2024 को आयोजित होने वाले झारखंड मुख्यमंत्री मइंयां सम्मान योजना कार्यक्रम की तैयारियों एवं जेएसएससी की सामान्य स्नातक योग्यताधारी संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा -2023 के विषय पर चर्चा की गयी। बैठक में वरीय पदाधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय समीक्षा किया जाने की खबर है। बता दें कि कल हेमंत कैबिनेट की भी बैठक होने वाली है। माना जा रहा है कि इसे लेकर बैठक में चर्चा की गयी है।
राजस्व संग्रहण में तेजी लाएं
मुख्यमंत्री ने राजस्व संग्रहण में तेजी लाने का निर्देश संबंधित विभागों को दिया। उन्होंने कहा कि राजस्व संग्रहण का जो लक्ष्य निर्धारित है, उसे हर हाल में पूरा किया जाना चाहिए। इसके साथ राजस्व बढ़ोतरी को लेकर नए स्रोत की संभावनाएं तलाशें। उन्होंने यह भी कहा कि कर संग्रहण में आ रहे व्यवधानों का त्वरित समाधान होना चाहिए। इस दिशा में राजस्व से संबंधित विभागों के बीच समन्वय को लेकर एक सिस्टम तैयार करें। मुख्यमंत्री ने वाणिज्य कर विभाग के तहत फर्जी निबंधन और इनवॉइस के चिन्हित करने के साथ उसे रोकने की दिशा में एनफोर्समेंट सिस्टम बनाने की दिशा में पहल करने का निर्देश अधिकारियों को दिया। इस दौरान अधिकारियों में अब तक राजस्व वसूली से संबंधित जानकारी से मुख्यमंत्री को अवगत कराया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 28 दिसंबर को रांची के नामकुम में आयोजित होने वाले झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना कार्यक्रम में राज्यभर की महिला लाभुक सम्मिलित होगी । ऐसे में उन्हें किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं हो, इसका ध्यान रखा जाना चाहिए। विदित हो कि इस कार्यक्रम के माध्यम से इस योजना के सभी लाभुकों को प्रति माह अब 2500 रुपये की सम्मान राशि डीबीटी के माध्यम से हस्तांतरित की जाएगी।
जेएसएससी- सीजीएल परीक्षा से जुड़े विवादों और शिकायतों की जांच जल्द पूरी करें
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड उच्च न्यायालय द्वारा जेएसएससी की सामान्य स्नातक योग्यताधारी संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा -2023 से जुड़े विवादों को लेकर दर्ज मामले में जो निर्देश दिए गए हैं, उसके अनुरूप पूरी निष्पक्षता के साथ जांच पूरी कर रिपोर्ट सुपुर्द करें । उन्होंने कहा कि जांच के दौरान परीक्षा आयोजन के दौरान हुई गड़बड़ियों तथा मिली शिकायतों और परीक्षा परिणाम के बाद हुए विवाद एवं हंगामें की भी जांच हो और इसमें जो भी दोषी हों, उनके खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित होनी चाहिए।
ऑनलाइन मोड में प्रतियोगिता परीक्षा आयोजित करने की दिशा में आगे बढ़े
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में बड़े पैमाने पर नियुक्ति प्रक्रिया चल रही है। ऐसे में नियुक्तियों को लेकर आयोजित होने वाली प्रतियोगिता परीक्षाओं में गड़बड़ियों की गुंजाइश न हो, इस दिशा में ऑनलाइन मोड में परीक्षा आयोजित करने की दिशा में आगे बढ़ाने की जरूरत है उन्होंने कहा कि कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट (सीबीटी ) माध्यम से परीक्षा लेने पर काफी हद तक पेपर लीक जैसे मामलों को नियंत्रित किया जा सकता है। वहीं, ऑफलाइन परीक्षा आयोजन को लेकर होने वाली परेशानियों के साथ समय की भी बचत होगी।
अधिकारियों को अहम निर्देश
मुख्यमंत्री ने पोक्सो एक्ट, महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा अत्याचार एवं यौन उत्पीड़न, ह्यूमन ट्रैफिकिंग और पलायन जैसे मामलों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को कई अहम निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सारी व्यवस्थाएं दुरुस्त होनी चाहिए। स्कूल कॉलेज में अवेयरनेस कैंपेन चलाये जाएं। शहरों के साथ ग्रामीण इलाकों में भी पुलिस की सघन पेट्रोलिंग होनी चाहिए । वहीं, इस तरह के मामलों में जो भी शिकायतें और प्राथमिकी दर्ज होती है , उसकी पूरी निष्पक्षता के जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो। राज्य से होने वाले पलायन के मॉनिटरिंग की भी व्यवस्था होनी चाहिए । एक ऐसी व्यवस्था हो, जहां पलायन करने वाले स्वेच्छा से अपने को निबंधित करा सकें और उन्हें सरकार की योजनाओं का भी लाभ देना सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा संचालित सर्विसेज और हेल्पलाइन नंबर के लिए राज्य स्तर पर इंटीग्रेटेड एप्प बनाया जाए। इस एप्प का व्यापक प्रचार प्रसार भी हो ताकि लोगों को इसकी जानकारी मिले और वे इसका लाभ ले सकें। उन्होंने कहा कि महिला हिंसा से जुड़े मामलों में दर्ज शिकायतों और उसपर हुई कार्रवाई की हर महीने रिपोर्ट तैयार होनी चाहिए।
अंचल कार्यालयों में भ्रष्टाचार को लेकर मिल रही लगातार शिकायतें
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में जमीन विवाद से जुड़ी कई शिकायत लगातार सामने आ रही है। विशेष कर अंचल कार्यालयों में दाखिल- खारिज के नाम पर भ्रष्टाचार का बोलबाला है। इस पर नियंत्रण करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। इसमें शामिल अधिकारियों, कर्मियों के साथ जमीन दलालों के खिलाफ कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि जमीनों के डिजिटाइजेशन को लेकर भी काफी शिकायतें मिल रही हैं । जमीन दलालों द्वारा बड़े स्तर पर फर्जी दस्तावेजों के जरिए जमीनों की हेरा फेरी की जा रही है । इससे जमीन से जुड़े विवाद बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं। अगर समय रहते इस पर नियंत्रण नहीं लगाया जाए तो यह भविष्य में बड़ा खतरा बन सकता है। इसे रोकने की दिशा में सभी संभावित कदम उठाए जाएं।
उच्च स्तरीय बैठक में मुख्य सचिव अलका तिवारी, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार, पुलिस महानिदेशक अनुराग गुप्ता, प्रधान सचिव सुनील कुमार, सचिव प्रशांत कुमार, सचिव अमिताभ कौशल, सचिव चंद्रशेखर, सचिव जितेंद्र सिंह, सचिव कृपा नंद झा, सचिव मनोज कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक सुमन गुप्ता, दक्षिणी छोटानागपुर के प्रमंडलीय आयुक्त अंजनी कुमार मिश्रा, डीआईजी अनूप बिरथरे, डीआईजी संध्या मेहता, सूडा निदेशक अमित कुमार, एसपी वायरलेस हरविंदर सिंह, अपर महाधिवक्ता आशुतोष आनंद और रांची के उप विकास आयुक्त अनुमंडल पदाधिकारी तथा ट्रैफिक एसपी मौजूद थे।