द फॉलोअप नेशनल डेस्क
मद्रास हाईकोर्ट में एक अजीबो-गरीब वाकिया पेश आया है। यहां एक जज ने रिटायर होने के बाद भी फैसले सुना दिये। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने रिपोर्ट मांगी है। हाईकोर्ट के जस्टिस टी माथीवनन के विस्तृत फैसले उनके रिटायरमेंट के बाद हाईकोर्ट की वेबसाइट पर जारी किया गये हैं। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाया है और रिपोर्ट की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस अभय एस. ओका और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार से पूरी जानकारी देने के लिए कहा है। अदालत ने पूछा है कि आखिर संबंधित फैसले का एक लाइन का जजमेंट कब आया था। इसके बाद डिटेल ऑर्डर किस तिथि को वेबसाइट पर अपलोड किये गये हैं।
इस संबंध में बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार डीए केस खारिज करने के खिलाफ दायर सीबीआई की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि यह पहला मामला नहीं है, जब जस्टिस माथीवनन के व्यवहार को लेकर सवाल उठाये गये हैं। माथीवनन मई माह में 2017 में रिटायर हुए थे। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस माथीवनन के एक फैसले को ही मानने से इनकार कर दिया था। कारण बताया गया था कि माथीवनन के सुनाए फैसले की डिटेल कॉपी वेबसाइट पर उनके रिटायरमेंट के 5 महीने बाद जारी की गयी थी।