द फॉलोअप डेस्क
गृहमंत्री अमित शाह ने असम के लखीमपुर में कहा है कि मोदी की सरकार में चीन भारत का एक इंच जमीन भी नहीं ले पाया। यहां तक कि डोकलाम में भी हमने उन्हें पीछे धकेल दिया। इस दौरान शाह ने एक वाकये का जिक्र करते हुए कहा कि 1962 में जब भारत का चीन से सीमा विवाद हुआ था, उस दौरान तो तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने असम और अरूणाचल प्रदेश को भुला दिया था। इस बात को अब तक वहां के लोग नहीं भुला पाए हैं लेकिन, नरेंद्र मोदी सरकार में चीन 1 इंच जमीन पर भी कब्जा नहीं कर पाया है।
कांग्रेस की सरकार में असम के साथ बहुत अन्याय हुआ
अमित शाह ने आगे कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों की सीमा पहले बांग्लादेश के साथ घुसपैठ के लिए खुली थी। शाह ने आरोप लगाते हुए कहा कि जब देश में कांग्रेस की सरकार थी तब असम के साथ बहुत अन्याय हुआ था। वहां के कई युवा अलग-अलग आंदोलन में मारे गए लेकिन, जब देश में मोदी सरकार आई और असम में हिमंता बिस्वा शर्मा मुख्यमंत्री बने तब हमने वहां शांति स्थापित किया। अब तक असम के 80 प्रतिशत क्षेत्रों से सशस्त्र बल अधिनियम हटा लिया गया है। मोदी सरकार के तहत पिछले 10 वर्षों में शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए गए और 9,000 युवाओं ने आत्मसमर्पण भी किया।
हमने बाल विवाह रोका
शाह ने आगे कहा कि कांग्रेस की सरकार ने असम समझौते पर हस्ताक्षर किया था लेकिन शर्तों को पूरा नहीं कर सके। हमने बोडो समझौता पर हस्ताक्षर किए और 2 साल के भीतर सभी शर्तें पूरी हो गईं। इस दौरान कांग्रेस के घोषणा पत्र पर निशाना साधते हुए शाह ने कहा कि यह मुस्लिम पर्सनल लॉ का समर्थन करता है। उन्होंने दोनों सरकारों की तुलना करते हुए कहा कि हिमंता बिस्वा शर्मा ने बाल विवाह रोक दिया। उत्तराखंड में हमने यूसीसी लागू करवाया। अंत में शाह ने कहा कि पूर्वोत्तर का विकास देश के समग्र विकास का केंद्र है। इसके बाद शाह ने लोगों से क्षेत्र की सभी सीटों पर एनडीए उम्मीदवारों को वोट देने का आग्रह किया।
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