द फॉलोअप डेस्क
कैश फॉर क्वेरी मामले में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा की मुश्किलें बढ़ती दिखाई दे रही हैं। सीबीआई ने उनके खिलाफ जांच शुरू कर दी है। बता दें कि बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने महुआ पर पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने का आरोप लगया था। दुबे ने लोकसभा स्पीकर से शिकायत की थी कि टीएमसी सांसद महुआ ने कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से पैसे लेकर उनके पक्ष में सवाल पूछे थे। सीबीआई ने लोकपाल की ओर से मिले आदेश के बाद अपनी जांच शुरू की है। दुबे की शिकायत को संज्ञान में लेते हुए लोकपाल ने मामले की जांच सीबीआई से कराने का फैसला किया है। सीबीआई अपनी जांच की रिपोर्ट लोकपाल के एंटी क्रप्शन सेल को सौंपेगी। जानकारों का मानना है कि इससे सांसद महुआ की लोकसभा सदस्यता भी जा सकती है।
सीबीआई नहीं करेगी कोई गिरफ्तारी
मिली खबरों में कहा गया है कि जांच के दौरान सीबीआई की टीम सासंद महुआ की गिरफ्तारी नहीं कर सकेगी। एजेंसी की ओऱ से कोई छापेमारी भी नहीं की जायेगी। वहीं, जरूरी दस्तावेजों की मांग सीबीआई की टीम सासंद महुआ से कर सकेगी। साथ ही उनको पूछताछ के लिए एक से अधिक बार तलब किया जा सकता है। सीबीआई की ओर से रिपोर्ट मिलने के बाद लोकपाल ये निर्णय लेगा करेगा कि सासंद के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज किया जा सकता है या नहीं।
क्या है निशिकांत का आरोप
गौरतलब है कि ‘कैश फोर क्वेरी’ मामले में BJP सांसद निशिकांत दुबे ने TMC सांसद महुआ मोइत्रा पर बड़ा आरोप लगाया है। कहा है कि मोइत्रा की संसदीय मेल आईडी को दुबई में 47 बार खोला गया। इतनी ही बार ईमेल आईडी यानी संसद पोर्टल से लोकसभा में सवाल भी पूछे गये। निशिकांत ने आगे कहा है कि अगर ये खबर सही है तो देश के सभी सांसदों को महुआ के खिलाफ गोलबंद हो जाना चाहिये। ससंदीय ईमेल के माध्यम से हीरानंदानी के लिए हीरनंदानी ने ही लोकसभा में सवाल पूछे। निशिकांत ने आगे कहा है कि क्या हम सांसद पूंजीपतियों के स्वार्थ को पूरा करने के लिए सासंद बने हैं।