द फॉलोअप डेस्क
गुजरात हाईकोर्ट ने शुक्रवार को रेप मामले में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे आसाराम बापू को मेडिकल आधार पर तीन महीने की तात्कालिक जमानत दी है। इस फैसले के बाद पीड़िता के परिवार में डर और चिंता का माहौल है। पीड़िता के पिता ने मीडिया से बातचीत में कहा कि अब उनके परिवार को और भी अधिक खतरा हो गया है क्योंकि आसाराम अपने समर्थकों के साथ जेल से बाहर हैं और वह कुछ भी कर सकते हैं।
उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले के रहने वाले पीड़िता के पिता ने कहा, "जब आसाराम जेल में थे तब यह हमारे लिए जीत थी। लेकिन अब वह हर किसी को मैनेज कर रहे हैं। मुझे आश्चर्य है कि कोर्ट बार-बार उन्हें अंतरिम जमानत क्यों दे रहा है। पहले सात दिनों के लिए, फिर 12 दिनों के लिए, फिर दो महीने और ढाई महीने के लिए और अब तीन महीने के लिए।"
पीड़िता के पिता ने आरोप लगाया कि उनका परिवार अपने वकील से धोखा खा चुका है, जिन्होंने आसाराम की जमानत याचिका पर आपत्ति दाखिल नहीं की। उन्होंने कहा, "हमने सभी कागजात वकील को दिए थे, लेकिन उसने अदालत में आपत्ति नहीं दाखिल की और हमें लगातार भागदौड़ करवाई। वह हमें धोखा दे रहे हैं।"
आसाराम के वकील शालिन मेहता ने अदालत में तर्क दिया कि 86 वर्षीय आसाराम हृदय और किडनी की बीमारियों से ग्रसित हैं। उनका इलाज आयुर्वेदिक 'पंचकर्म' से चल रहा है, जो जोधपुर स्थित एक आयुर्वेदिक केंद्र में किया जा रहा है। वकील ने यह भी बताया कि यह उपचार तीन महीने तक चलेगा, जिसके आधार पर जमानत की याचिका दायर की गई थी।
पीड़िता के पिता ने कहा, "अब जब वह जेल से बाहर हैं, उनके समर्थक कह रहे थे कि वह फिर से जेल नहीं जाएंगे। अब उनकी बात सच साबित हो रही है। वह जोधपुर से इंदौर, उज्जैन और सूरत तक यात्रा कर रहे हैं और अपने अनुयायियों से मिल रहे हैं।" उन्होंने यह भी कहा कि आसाराम किसी भी समय उनके परिवार को नुकसान पहुंचा सकते हैं और अब उनका परिवार ज्यादा खतरे में है।
इसके बाद, पुलिस प्रशासन ने पीड़िता के परिवार को सुरक्षा प्रदान की है। एसपी (राजेश द्विवेदी) ने बताया कि पीड़िता के घर के बाहर एक गार्ड तैनात किया गया है और दो बंदूकधारी भी उसकी सुरक्षा में तैनात किए गए हैं। इसके अलावा, पीड़िता के घर के सामने एक सीसीटीवी कैमरा भी लगाया गया है, और रात के समय स्थानीय कोतवाली पुलिस को गश्त करने का निर्देश दिया गया है।
आसाराम को 2018 में रेप मामले में दोषी ठहराया गया था और भारतीय पॉक्सो कानून के तहत उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। 2023 में, गुजरात की एक अदालत ने उन्हें अहमदाबाद के मोटेरा स्थित उनके आश्रम में एक महिला अनुयायी से बलात्कार के आरोप में दोषी ठहराया था। अब, आसाराम की बार-बार जमानत मिलने और उनके समर्थकों के दबाव के कारण पीड़िता और उसके परिवार के लिए नई मुसीबत खड़ी हो गई है। स्थानीय पुलिस प्रशासन की ओर से पीड़िता के परिवार को सुरक्षा प्रदान की गई है, और उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लगातार निगरानी रखी जा रही है।